अरे भाई जरा देख के चलो, आगे भी और पीछे भी खुले हुए हैं सीवर के ढक्कन

0
295

नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में सीवर की समस्या होना आम बात है। शहर भर के बहुत सारे हिस्से ऐसे हैं जहां पर सीवर के ढक्कन है ही नहीं या फिर टूटे हुए हैं। ऐसे में सीवर का ढक्कन खुले होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

दरअसल, नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्डों में सीवर की समस्या पूरा साल बनी रहती है। नगर निगम अधिकारियों तथा पार्षद से शिकायत के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता है। ऐसा ही एक मामला वार्ड 1 के राजीव कॉलोनी से सामने आया है जहां सीवर के ढक्कन खुले हुए है या फिर टूटे हुए है। शिकायत के बावजूद भी समस्या का समाधान नही हो पाता है। लोग जुगाड़ू तरीके से मैनहोल के ऊपर लकड़ी या ईंट लगा देते है।

अरे भाई जरा देख के चलो, आगे भी और पीछे भी खुले हुए हैं सीवर के ढक्कन

मैनहोल के ऊपर ढक्कन का न होना दुर्घटना को भी आमंत्रण देता है। आए दिन लोग इस समस्या के चलते चोटिल हो जाते है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इस समस्या को लेकर नगर निगम पार्षद और अधिकारियों को शिकायत की जा चुकी है परंतु समस्या का समाधान करना तो दूर कोई सुनवाई ही नहीं होती।


आपको बता दें कि नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कोई ना कोई समस्या बनी ही रहती है। लोग अपनी समस्याओं को लेकर सीएम को ट्वीट करते हैं। ट्वीट के बाद समस्या का समाधान तो होता है परंतु खानापूर्ति। बता दें पिछले महीने पर्वतीय कालोनी निवासी कामिनी ने सीएम को ट्वीट कर अपनी व्यथा बताई थी कि 16 फरवरी को उसकी शादी है, बाल कल्याण स्कूल के पास गली की हालात खराब हैं, सीवर का पानी खड़ा है।

अरे भाई जरा देख के चलो, आगे भी और पीछे भी खुले हुए हैं सीवर के ढक्कन


ऐसे में सोचना होगा कि यदि इन खुले हुए मेनहोल की वजह से कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है।