चंडीगढ़, 10 मार्च। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में कहा कि कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का इरादा किसानों के हित में नहीं बल्कि ये इस प्रस्ताव के जरिए सत्ता पाने का हसीन सपाने देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुंगेरी लाल के हसीन सपने ना देखें और हमारा गंठबधन पूरे पांच साल चलेगा। जेजेपी और बीजेपी मिलकर प्रदेश को आगे लेकर जाएगी।
उन्होंने कहा कि आज गठबंधन सरकार के इसी विश्वास का कांग्रेस में डर है। वे बुधवार को कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान बोल रहे है। डिप्टी सीएम ने कहा कि सदन की पिछले कई दिनों की कार्रवाई में कांग्रेसियों की फ्रस्ट्रेशन देखने को मिली है और धीरे-धीरे अपनी सब पोल खुद ही खोल रहे है।
दुष्यंत चौटाला ने एमएसपी को लेकर किए जा रहे दुष्प्रचार को लेकर कांग्रेसियों को चुनौती दी कि कांग्रेस शासित पड़ोसी प्रदेश राजस्थान और पंजाब में वे एक अप्रैल से हरियाणा के बराबर की संख्या में फसलों को एमएसपी पर खरीदकर दिखाएं।
दुष्यंत चौटाला ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोलते हुए कहा कि हमने सोचा था कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव के जरिये आंदोलनरत किसानों के प्रति अपनी सोच, तीन नए कृषि कानूनों के नुकसान के बारे में बताएगी लेकिन इसके उलट नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने सदन में अपने भाषण की पहली लाईन में स्पष्ट कर दिया कि वे कृषि कानूनों पर चर्चा नहीं करेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उन्होंने कांग्रेस की सोच जगजाहिर कर दी कि ये कितनी गंभीर सोच के साथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि पिछले सवा साल से हमने सदन में विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया और अनियमितताएं सामने आने पर उस पर गंभीरता से कार्रवाई करने की हिम्मत भी दिखाई।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सदन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुद कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और एपीएमसी एक्ट की सिफारिशें करने की बात कबूली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने पहले तो कृषि कानूनों को देशवासियों के आगे काला कानून बताया और फिर गलत तरीके से पेश करते हुए किसानों को भड़काया। वहीं यहां सदन में स्वीकारा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कमेटी द्वारा ही इन कानूनों की सिफारिशें की गई थी।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर कांग्रेसी किसानों के इतने ही हितैषी होते तो किसानों की जमीनें लूटवाकर प्राइवेट बिल्डरों को करोड़ों रूपयों का फायदा ना पहुंचाते। उन्होंने कहा कि अपने दस साल के राज में कांग्रेस सरकार में सेक्शन-4, 6, 9 लाने के बाद जब किसानों की जमीन अधिग्रहण का समय आता था तो निर्णय बदल दिये जाते थे। उ
न्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि किसानों की जमीन प्राइवेट बिल्डरों के नाम होने के बाद उसे बेचकर करोड़ों रूपए का मुनाफा किसको दिया जाता था ? दुष्यंत ने पूछा कि बीपीडीपी किसकी कंपनी है ? आज प्रदेश में ग्रीन बेल्ट में किसके पेट्रोल पंप लगे हैं ?
किसानों से जबरदस्ती हजारों एकड़ जमीन छीनकर रिलायंस कंपनी को किसने दी ? दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस ने इस तरीके से लगभग 70 हजार एकड़ से ज्यादा जमीनें 10 साल में लूटवाने का काम किया। उन्होंने कहा कि आज यह नारा लगता है कि “हुड्डा तेरे राज में किसान की जमीन गई ब्याज में”।
उपमुख्यमंत्री ने पिछले दो सीजन की खरीफ-रबी फसल खरीद का भुगतान बताते हुए कहा कि गठबंधन सरकार ने 30 हजार करोड़ रूपये की किसानों की अलग-अलग प्रकार की कई फसलें एमएसपी पर खरीदी हैं। उन्होंने कहा कि कोविड काल में गेहूं के लिए करीब 1800 खरीद केंद्र बनाए, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए रात को मंडी में नहीं सोना पड़ा।
दुष्यंत चौटाला ने किसानों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि इस बार भी मंडियों में बेहतर व्यवस्था होगी। आढ़ती द्वारा जे फॉर्म कटने के बाद दो दिन में फसल का पूरा भुगतान कर दिया जाएगा।
दुष्यंत चौटाला ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कांग्रेसी रात-रात में खुद सत्ता पर काबिज होकर अपने बेटे को प्रधान बना देते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पहले दिल्ली दरबार में हाजिरी लगती थी, अब गुलाबी पगड़ी पहनकर जी-23 में हाजिरी लग रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इसी तरह चलता रहा तो जो आज हमारे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले अपनी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम करेंगे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कांग्रेस के दस साल के राज में उनके दरवाजे पर आए शिक्षकों पर ना केवल गोलियां चलाई गई बल्कि मारूति कंपनी जाकर कर्माचारियों पर लाठीचार्ज किया। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमने किसानों पर बल प्रयोग नहीं किया और आंदोलरत किसानों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति है।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जानें गई है उनका हमें दुख है और उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। दुष्यंत ने सत्ता पक्ष के लोगों का गांवों में विरोध होने की बात का जवाब देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में हर किसी को मर्यादित ढंग से विरोध करने का पूरा अधिकार है।
उन्होंने हुड्डा शासन के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों को याद दिलाया और कहा कि कांग्रेस के शासन काल में भी पानीपत में मुख्यमंत्री को थप्पड़ मारे जाने और रोहतक में चुड़िया फेंकने जैसी घटनाएं हुई। ये लोग अपने समय में हुए विरोध को ना भूलें। उन्होंने कहा कि हरियाणा नंबर-1 का नारे देने वालों को प्रदेशवासियों ने तीसरे नंबर पर भेज दिया था।
दुष्यंत चौटाला ने सदन में यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन सरकार में हरियाणा से एक भी उद्योग का पलायन नहीं हुआ जबकि कांग्रेस शासित राजस्थान में 489, पांडिचेरी में 31 कंपनियों का पलायन हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कोई युवा बेरोजगार ना रहे और उसे सक्षम बनाकर रोजगार दिया जाए और इसी दिशा में उठाए गए मजबूत कदम 75 प्रतिशत रोजगार बिल को गंभीरता से लागू किया जाएगा।