ऐलनाबाद से पूर्व विधायक एवं इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने भाजपा-गठबंधन सरकार द्वारा विधान सभा में निंदा प्रस्ताव और संपति क्षति वसूली विधेयक 2021 पारित किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जैसे केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन काले कृषि कानून जनविरोधी हैं वैसे ही निंदा प्रस्ताव जनविरोधी है।
चुनाव में वोट लेने के समय प्रदेश की यही जनता भाजपा-जजपा के नेताओं के लिए जनादेश थी, अब यही जनता उनके लिए विरोधी हो गई है। उन्होंने कहा कि चौधरी देवी लाल हमेशा राइट-टू-रिकॉल की वकालत करते थे जिसके द्वारा जनता को अधिकार मिल जाता कि वो चुनकर विधानसभा में भेजे गए विधायकों को उनके द्वारा किए गए वायदों पर खरा ना उतरने पर विधायक पद से हटा सकती थी।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो भाजपा-गठबंधन सरकार पंचायत चुनावों में राइट-टू-रिकॉल का कानून लाना चाहती है वहीं, दूसरी तरफ आज वही जनता सरकार द्वारा बनाए गए काले कृषि कानूनों जैसे जनविरोधी निर्णयों, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और दिन ब दिन बढ़ते अपराधों के विरोधस्वरूप सरकार के खिलाफ खड़ी है और उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहती है तो यह घिनोना निंदा प्रस्ताव लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि चौधरी देवी लाल हमेशा कहा करते थे कि लोकराज लोकलाज से चलता है और भाजपा-गठबंधन सरकार लोकलाज को खत्म करते हुए निंदा प्रस्ताव लेकर आई है जो की लोकतांत्रिक मर्यादाओं को खत्म करने में एक छोटी सोच वाला कदम है।
इनेलो नेता ने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया बयान कि किसान आंदोलन के कारण प्रदेश के उद्योगपतियों को 11 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है, कहीं संपति क्षति वसूली विधेयक 2021 के द्वारा सरकार की मंशा उन उद्योगपतियों के नुकसान की भरपाई किसानों से करवाने की तो नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों को रोकने के लिए सरकार द्वारा नेशनल हाईवे जोकि पब्लिक प्रॉपर्टी है, को खुदवा दिया गया था। नेशनल हाईवे को खोदने से हुए नुकसान की भरपाई सरकार किससे करवाएगी।