जिस महामारी ने पूरे विश्व में तहलका मचाया है। उसी महामारी को लेकर अब को बेपरवाही बरत रहे हैं। मार्च माह में एक दफा ऐसा भी समय आ गया था। जब संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गई थी। जिसका सभी बेसब्री से इंतजार भी कर रहे थे। लेकिन, पुन: दिख रही बेपरवाही चिंता बढ़ाने का काम कर रही है। राहत की बात यह है कि मौत के आकड़ों में थोड़े लगाम लगे हैं।
महामारी के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। महामारी के बढ़ते केसेस के बीच में सभी यह भूल गए हैं कि मास्क और सेनेटाइजर का पालन करना कितना ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री हों या फिर राष्ट्रपति सभी ने कहा है कि मास्क लगाना न भूले। यह सबसे कारगर हथियार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में बरती जा रही बेपरवाही को लेकर चिंता व्यक्त की है, इसको केंद्र में रखते हुए सभी को ध्यान देना होगा। दरअसल, इन दिनों में ना तो मास्क का प्रयोग हो रहा है और ना ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन।
जिस प्रकार लोग लापरवाही बरत रहे हैं, उस हिसाब से कहना गलत नहीं होगा कि वह वो मंज़र भूल गए हैं जब सब वीरान पड़ा था। मास्क न लगाना यह हालत किसी एक जगह पर नहीं है। हर जगह यही हाल है। रेलवे स्टेशन, सिविल अस्पताल, मुख्य बाजार, बस स्टैंड, बैंक आदि सभी जगह पर स्थिति एक जैसी ही दिख रही है।
सावधानी अगर नहीं बरती हालात बेकाबू हो सकते हैं। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो स्थिति दिक्कत भरी हो सकती है। इधर, होली का त्योहार नजदीक है। लोगों का अपने घर की ओर जाना भी होगा। सभी परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सामूहिक रूप से कदम उठाना जरूरी हो गया है।