ऐ भाई, जरा देखके चलो, क्योंकि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

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हम अपनी जिंदगी में कोई भी चीज पाने के लिए शॉर्टकट को अपनाते हैं। लेकिन कई बार वह शॉर्टकट हमारी जिंदगी ही ले डूबता है। अगर हम पैसे कमाने की बात करते हैं तो शॉर्टकट के चक्कर में कई बार हम क्राइम भी कर देते हैं।

जिसके बाद हमारे पास सिर्फ एक ही शब्द रह जाता है और वह होता है अफसोस। अफसोस करने से पहले ही अगर हम उस गलती को सुधार ले, तो जिंदगी खुशहाल हो जाती है। नेशनल हाईवे पर प्रशासन के द्वारा लोगों की सुविधा व लोगों की सुरक्षा के लिए जगह-जगह डिवाइडर पर ग्रिल को लगाया गया है।

ऐ भाई, जरा देखके चलो, क्योंकि जिंदगी ना मिलेगी दोबारा

वह ग्रिल हमारी सुरक्षा के लिए लगाई गई है। ताकि हम सड़क को नियमों के अनुसार ही पार करें। लेकिन उसके बावजूद भी शहर में ऐसे कुछ लोग मौजूद हैं। जो शॉर्टकट के चक्कर में 7 फीट ऊंची ग्रिल को भी कूदकर, दूसरी ओर जाने का प्रयास कर रहे हैं।

जैसे कि बसों में लिखा होता है कि यात्री अपने सामान की खुद रखवाली करें। यही स्थिति बल्लभगढ़ से आगे हाईवे पर हो चुकी है। क्योंकि पैदल यात्री से अनुरोध है कि वह अपने जान की भी खुद ही रखवाली करें। यह बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन में जाने वाले यात्रियों के लिए बिल्कुल सटीक बैठता है।

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क्योंकि नेशनल हाईवे बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर अगर किसी यात्री को जाना है, तो उसको काफी घूमकर जाना पड़ता है। इसीलिए वह शॉर्टकट अपनाते हुए यात्री हाईवे पर बनी 7 फीट ऊंची ग्रिल को कूदकर सड़क के उस पार जाते हैं। इस दौरान अगर किसी यात्री या किसी व्यक्ति की साथ कोई घटना हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

क्योंकि सरकार व प्रशासन के द्वारा लोगों की सुविधा के लिए या लोगों की सुरक्षा के लिए ग्रीन लगाई गई है। लेकिन लोगों को शॉर्टकट अपनाने के चलते पार करते हुए नजर आते हैं। इसको लेकर कई बार पुलिस प्रशासन को भी अवगत कराया जा चुका है और उन्होंने लोगों को ग्रिल पाल करने से रोका भी है।

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लेकिन कुछ दिनों के बाद लोग दोबारा से वही हरकत करते हुए नजर आते हैं। इतनी ऊंची ग्रिल होने के बावजूद भी लोग उसको पार करने में हिचकी हिचकीचाते नहीं है। उनको यह भी डर नहीं लगता है कि वह ग्रिल पाते पार करते वक्त कभी उनका पैर ग्रिल के अंदर फंस ना जाए और वह किसी घटना का शिकार ना हो जाए।

पहचान फरीदाबाद की टीम के द्वारा कुछ फोटोग्राफ नेशनल हाईवे पर ग्रिल को पार करते हुए लोगों की ली गई है। जिसमें ज्यादातर युवा व बच्चे नजर आ रहे हैं। जो सड़क के एक छोर से दूसरी छोर पर जाने के लिए ग्रिल को पार करके जाते हुए नजर आ रहे हैं।

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रोड सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एस के शर्मा का कहना है कि प्रशासन के द्वारा लोगों की सुरक्षा के लिए ग्रिल तो लगा दी गई है। लेकिन लोग उसका पालन नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है।

इतनी ऊंची ग्रिल लगी होने के बावजूद भी अगर लोग उसको पार कर रहे हैं, तो वह अपनी जिंदगी के साथ खुद ही खिलवाड़ कर रहे हैं। क्योंकि सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती है। उसके परिवार के कई जनों की मृत्यु होती है। क्योंकि वह अपने पीछे कई लोगों को बेसहारा छोड़ कर चला जाता है।

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ग्रिल पार करने वाले हर व्यक्ति को एक बार अपने परिवार, अपने परिचय के बारे में जरूर सोचना चाहिए। क्योंकि हर रोज सुबह जब वह किसी भी कार्य के लिए घर से निकलते हैं।

तो शाम को उनके परिचय इस आस में बैठे होते हैं कि शाम को वह घर आएगा और हम बैठकर दो वक्त की रोटी साथ खाएंगे। लेकिन जब उनके पास दुर्घटना की खबर पहुंचती है, तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक जाती है।

इन्हीं बातों को ध्यान रखकर लोगों को नेशनल हाईवे पर बनी ग्रिल को पार नहीं करना चाहिए। प्रशासन को एक ऐसा रास्ता बनाना चाहिए, जिससे कि लोग आसानी से सड़क को पार कर सके। क्योंकि बल्लभगढ़ से आ गए सड़क को क्रॉस करने के लिए पैदल यात्रियों के लिए कोई भी सुविधा नहीं है। जिसकी वजह से लोग ग्रिल को पार करने के लिए मजबूर हो जाते हैं।