जिले के अधिकारियों के दामन पर भी लग सकता है जमीन अधिग्रहण घोटाले का दाग!

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मुंबई- दादरी रेलवे फ्रेट कॉरिडोर घोटाला अब अधिकारियों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। जैसे-जैसे इस मामले की जांच हो रही है वैसे-वैसे परत दर परत नए-नए खुलासे हो रहे है। जांच कमेटी के सदस्यों के साथ गुरुवार को फरीदाबाद रेंज अधिकारी संजय जून में भी जांच की।

दरअसल, यूपी के दादरी से लेकर नवी मुंबई तक रेलवे कॉरिडोर का निर्माण होना है जिसके लिए करीब 8 साल पहले नोटिफिकेशन गजट जारी कर दिया गया है। रेलवे कॉरिडोर के निर्माण के लिए पलवल के कुछ गांव का अधिग्रहण किया गया था जिसमें असावटी, मेधापुर, लाडपुर, जटौला, ततारपुर पृथला गांव के 15 एकड़ जमीन शामिल है। इस मामले में एसडीएम की भूमिका पर भी जांच हो रही है। जमीन के टुकड़ों के खरीदारों में एसडीएम के रिश्तेदार, स्टाफ के कर्मचारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, पटवारी सहित अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। वहीं एसडीएम को 24 मार्च तक छुट्टी पर भेज दिया गया है।

जिले के अधिकारियों के दामन पर भी लग सकता है जमीन अधिग्रहण घोटाले का दाग!

छुट्टी से वापस आने के बाद मामले की कार्यवाही की जाएगी। कॉरिडोर के मैप के अनुसार 100 मीटर लंबाई की दो पट्टी के लिए अधिग्रहण किया गया है। इस अधिग्रहण के मामले में अधिकारियों ने गजब कारनामा किया है। इस जमीन के करीब 496 हिस्सेदार बन गए हैं जबकि 15 एकड़ जमीन के 20 हिस्सेदार हैं। ऐसे में यह एसडीएम से ना तो उगलते बन रहा है और ना निगलते बन रहा है। फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, होडल के कई लोगों का नाम इस लिस्ट में शामिल हैं। जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए गए लोगों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।

जिले के अधिकारियों के दामन पर भी लग सकता है जमीन अधिग्रहण घोटाले का दाग!

गौरतलब है कि अधिग्रहण के लिए सेक्शन 4 का नोटिस जारी होने से पहले ही राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नियमों की उल्लंघना करनी शुरू कर दी। इस पूरे खेल का खुलासा तब हुआ जब 100 मीटर की जमीन के लिए करीब 22 साढ़े करोड रुपए का मुआवजा देने की बात आई।

रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों को यह बात खटकी और उन्होंने अपने स्तर पर इस मामले की जांच की और जांच के बाद इस मामले को सीएम मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में लाया। इसकी जान जब शुरू हुई तो परत दर परत मामला खुलता चला गया।

सभी तस्वीरें प्रतीकात्मक है।