कोरोना वायरस के कारण सम्पूर्ण फरीदाबाद की आबोहवा में बदलाव आ गया हैं लेकिन कोरोना वायरस के लक्षण अभी तक समझ नही आ रहे है इसी को लेकर संवेदनशील लोगों की पहचान करने के लिए फरीदाबाद जिले में 21-22 मई को विशेष दो दिवसीय सर्वेक्षण करवाया गया था।
सर्वेक्षण के दौरान स्वस्थ विभाग ने घर घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य का जायजा लिया था जिसमें लगभग 1 लाख वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया था। क्योंकि ज़्यादातर यही देखा गया है कि उस वायरस की चपेट में आने से बुजुर्गो कि जान को ज़्यादा खतरा होता है।
सर्वे में 2,700 सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आशा, सरकारी कर्मचारियों और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमों के साथ-साथ पुलिस की मदद से इस मुहिम को सफल बनाया गया था।
फरीदाबाद के डीसी यशपाल यादव ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि इस मुहिम के लिए गठित की गई टीमों ने लगभग 4.70 लाख घरों का दौरा किया और 20 लाख की आबादी को कवर किया।
उन्होंने बताया कि इन दो दिनों में 93,703 वरिष्ठ नागरिकों की पहचान की गई जिनमें से 336 सर्दी, बुखार और खांसी से पीड़ित थे। ऐसे ही पूरे हरियाणा में कुल 1,260 लोगों ने इतिहास रचा था और 21,276 लोगों को रक्तचाप, दमा, उच्च रक्तचाप, तपेदिक और मधुमेह का इतिहास था।
यादव ने आगे कहा कि लोगों के लक्षणों के सैंपल एकत्र कर लिए गए हैं अब उनकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। विशेष सर्वेक्षण मुख्य रूप से कंटेनमेंट ज़ोन में किया गया था, जिसे जिला विभाग द्वारा कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया है।
इस कड़ी में विशेषज्ञों ने बताया कि हाई बीपी, शुगर दमा, तपेदिक और हृदय रोग जैसी स्थितियों के साथ वरिष्ठ नागरिकों में कोविड-19 के अनुबंध की संभावना दूसरों की तुलना में बहुत अधिक है। जिले में अब तक 7 लोग संक्रमण के कारण दम तोड़ चुके हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने आगे कहा कि उन्होंने नौ मरीजों को घर से अलग कर दिया है, जो स्पर्शोन्मुख Asymptomatic लेकिन पॉजिटिव थे। हमने 1,125 लोगों के नमूनों का परीक्षण किया है जो 214 लोगों के करीबी संपर्क थे जिनका परीक्षण सकारात्मक रहा है। इसके अतिरिक्त, 9,647 लोगों को होम क्वॉरेंटाइन रखा गया है।
उपायुक्त ने बताया कि इस सर्वेक्षण के बाद ही फरीदाबाद सिविल अस्पताल ने गैर कोविड रोगियों के लिए 100 बेड और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 300 बेड्स के साथ तैयार किया है।