जयपुर के बाद हरियाणा में दस्तक दे सकते है पंख वाले नन्हे शैतान ,हरियाणा के कई जिले अलर्ट

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अभी तक लोगों में कोरोनावायरस के संक्रमण का डर बना हुआ था। लेकिन अब जयपुर के अलग-अलग जिलों में इन दिनों टिड्डी दल ने आतंक मचा रखा है. यहां तक कि राजधानी जयपुर में भी लोग इस दल की दहशत से सहमे हुए हैं।पाकिस्तान से आ रहे पंखों वाले नन्हें शैतान यानी टिड्डियां का आतंक जयपुर से हरियाणा की ओर बढ़ रहा हैं।

मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डियों के साथ, हरियाणा पर हमला करने वाले कीटों के डर ने राज्य के किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है। इसके अलावा हरियाणा के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी जिलों को भी अलर्ट पर रखा गया है।

जयपुर के बाद हरियाणा में दस्तक दे सकते है पंख वाले नन्हे शैतान ,हरियाणा के कई जिले अलर्ट

प्रत्येक टिड्डी झुंड प्रति वर्ग किमी 150 मिलियन कीटों के साथ कई वर्ग किमी में फैला हो सकता है। एक छोटा 1 वर्ग किमी का झुंड एक दिन में 35,000 व्यक्तियों के बराबर भोजन खा सकता है।

वो हवा की गति से यात्रा करते हैं और प्रति दिन अधिकतम 150 किमी की दूरी तय कर सकते हैं

जयपुर के बाद हरियाणा में दस्तक दे सकते है पंख वाले नन्हे शैतान ,हरियाणा के कई जिले अलर्ट


राज्य सरकार ने सात जिलों – सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी को पहले ही अलर्ट कर दिया था। महेंद्रगढ़ से लगभग 160 किलोमीटर दूर एक शहर, जयपुर पर भारी कीटों को इकट्ठा करने के मद्देनजर इस बार खतरा गंभीर है।

गौरतलब, लाखों-करोड़ों टिड्डियों के झुंड ने पिंक सिटी जयपुर पर सोमवार सुबह-सुबह टूट पड़े थे। अगर हवा की गति उनके अनुकूल रही तो उन्हें दिल्ली पहुंचने में देर नहीं होगी। राष्ट्रीय राजधानी को अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि टिड्डियों के दल अभी गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सक्रिय हैं। ये राज्य इस मुसीबत से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

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इन टिड्डियों की वजह से वॉटर सप्लाई और रेलवे लाइनें भी प्रभावित हो चुकी हैं। उनके हमले के बाद रेलवे ट्रैकों पर चिकनाई और फिसलन बढ़ गई जिसके बाद उन्हें साफ करना पड़ा। आपको बताते चले कि एक अकेली टिड्डी 500 तक अंडे देती है लिहाजा हमें न सिर्फ टिड्डियों के दलों को रोकना होगा बल्कि उनकी ब्रीडिंग को भी रोकना भी उतना ही जरूरी है जितना देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना है।