अब विधायक नीरज शर्मा ने गिराया लेटर बम 200 करोड़ के भ्रष्टाचार में गाज सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर गिरी बड़े कर्मचारी सरकार ने बख्शे

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फरीदबाद : फरीदाबाद नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश ना लगते देख नीरज शर्मा ने अब मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल को एक पत्र लिखा है इस पत्र में नीरज शर्मा ने नगर निगम में हुए भ्रष्टाचार की ओर ध्यान दिलाते हुए बताया है कि नगर निगम में जो 200 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ उस घोटाले को दबाने के लिए बहुत छोटे-छोटे नगर निगम के कर्मचारियों पर गाज गिराई गई है

चार अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है लेकिन बड़ी मछलियां या यूं कहें कि बड़े मगरमच्छ इस पूरे मामले में पाक साफ छोड़ दिए गए हैं शर्मा ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि छोटे कर्मचारियों की औकात नहीं है कि वह 200 करोड़ रुपए का घोटाला कर सकें इस पूरे मामले में जो बड़े अधिकारी शामिल हैं

अब विधायक नीरज शर्मा ने गिराया लेटर बम 200 करोड़ के भ्रष्टाचार में गाज सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर गिरी बड़े कर्मचारी सरकार ने बख्शे

उनकी गिरफ्तारी हो और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए तभी जनता को यह संदेश जा पाएगा कि सरकार भ्रष्टाचार के समर्थन में नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि जांच एजेंसियां निष्पक्ष होकर जांच नहीं कर रही हैं और बड़े-बड़े घोटालों में केवल छोटे कर्मचारियों को शामिल कर उनकी संलिप्तता दिखाकर पूरे मामले पर पर्दा डाल देना चाहती हैं

जबकि बिना बड़े अधिकारियों के इतने बड़े घोटाले संभव ही नहीं हैं। अपने पत्र में श्री शर्मा ने यह भी कहा है कि भ्रष्टाचार के कारण आज फरीदाबाद की एक भी सड़क ऐसी नहीं है जिसमें गड्ढे ना हो आप 100 मीटर चलिए आपको शहर में कोई सड़क ऐसी नहीं मिलेगी जो सबूत हो।

अब विधायक नीरज शर्मा ने गिराया लेटर बम 200 करोड़ के भ्रष्टाचार में गाज सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर गिरी बड़े कर्मचारी सरकार ने बख्शे

शहर में सीवर लाइन है साफ नहीं है साफ करानी होती हैं तो नगर निगम के कर्मचारी नहीं आते हैं मुख्यमंत्री को ट्वीट करना पड़ता है तब जाकर सीवर की फंटी लगती है। यही हाल पानी का है। शहर में जल माफिया हावी है टैंकरों के सहारे लगातार भूमिगत जल का दोहन हो रहा है

और लोगों की प्यास का सौदा किया जा रहा है शर्मा ने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार दूर नहीं होगा शहर में बेशक आप 26 सौ करोड़ का बजट बनाएं या फिर 26000 करोड का तब तक जनता को इन समस्याओं से निजात नहीं मिल सकती।