धूमिल हुई स्मार्ट सिटी की छवि, पहचान से वंचित है क्या शहर या फिर कर्मचारियों की लापरवाहियों का कहर

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केवल नाम मात्र स्मार्ट सिटी का तमगा पहन चुका फरीदाबाद अपनी ही पहचान बना पाने में असमर्थ साबित हो रहे हैं, और इसका कारण यह है कि यहां आए दिन नगर निगम की लापरवाही से आमजन का जीना मुहाल हो जाता है।

एक ताजा उदाहरण अनखीर चौक से बड़खल फ्लाईओवर तक स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अभी सड़क निर्माण को देखकर लगाया जा सकता हैं। जहां काम पूरा होने से पीछे से पहले ही इसकी परत लुप्त होती दिखाई दे रही है। इन तस्वीरों को देखकर ऐसा लग रहा कि ऊपर की परत खिसक गई हो। सड़क वाहन चालकों के लिए खतरा बन गई है।

धूमिल हुई स्मार्ट सिटी की छवि, पहचान से वंचित है क्या शहर या फिर कर्मचारियों की लापरवाहियों का कहर

किसी भी सड़क पर बरसाती पानी तभी निकल सकता है जब मैनहोल सड़क से कुछ नीचे हो, लेकिन अनखीर चौक से लेकर बड़खल फ्लाईओवर तक बनाई जा रही सड़क किनारे मैनहोल सड़क से करीब एक से डेढ़ फुट ऊंचे हैं। जब सड़क पर डेढ़ फुट से अधिक पानी भरेगा, तभी बाहर निकल पाएगा।

स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत करीब 600 करोड़ रुपये का वर्क अलाट है। इसमे से 325 करोड़ रुपये में सड़क सहित अन्य परियोजनाएं और 150 करोड़ रुपये कमांड एंड कंट्रोल सेंटर सहित सीसीटीवी कैमरे, ट्रैफिक सिग्नल पर खर्च हो रहे हैं।

धूमिल हुई स्मार्ट सिटी की छवि, पहचान से वंचित है क्या शहर या फिर कर्मचारियों की लापरवाहियों का कहर

इन्हीं में से 250 करोड़ रुपये के काम पूरे हो गए हैं। स्मार्ट सिटी में करोड़ों रुपये की बर्बादी हो रही है। इसकी शिकायत सीबीआइ से की जा चुकी है। जितने भी काम चल रहे हैं, सभी की जांच होना जरूरी है। कई जगह घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग हो रहा है। जहां जरूरत नहीं, वहां बेवजह लाखों रुपये लगाए जा रहे हैं।