माहमारी ने सभी की जिंदगियों पर काफी प्रभाव डाले हैं। यह प्रभाव सभी को काफी यातनाएं दे रहे हैं। महामारी के कारण ठप हुए काम – धंधे अब पटरी पर लौटने लगे हैं। महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच आज ही के दिन 23 मार्च 2020 प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। इसके तहत उद्योग, ट्रेनें, बसें, मेट्रो का संचालक पूरी तरह बंद कर दिया गया था।
कोई भी क्षेत्र महामारी के प्रकोप से नहीं बच सका। सभी क्षेत्रों में इसकी मार देखी गई। व्यावसायिक गतिविधियां बंद हो गई थी। लॉकडाउन के कारण उद्योग धंधे चौपट हो गए थे।
लॉकडाउन के बाद अब स्थिति सामान्य हो रही है। सभी चीज़ें पहले की तरह होने का प्रयास कर रही हैं। प्रवासी श्रमिकों के लौट जाने और कच्चे माल की आवक बंद होने से फैक्ट्रियों पर ताले लग गए। होटल-रेस्तरां, मॉल सब सूने थे। अनलॉक प्रक्रिया में सरकार ने उद्योगों, रेस्तरां, सिनेमा हाल और मॉल को धीरे-धीरे खोलने की प्रक्रिया शुरू की।
महामारी का प्रकोप सभी अब भूलने लगे हैं। सभी के दिलों में इसका डर खत्म होता दिखाई दे रहा है। लॉकडाउन के कारण उद्यमियों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कामगारों की सामने आई। उद्योगों को महामारी नियमों के तहत खोलने की अनुमति सरकार ने जरूर दी, लेकिन श्रमिक न होने के कारण उद्योगों में ठीक से काम शुरू नहीं हो सका। 50 फीसदी दर्शकों की संख्या के साथ सिनेमा घर खुलने पर भी लोग महामारी के डर से सिनेमा देखने नहीं जा रहे थे।
स्थिति अब सामान्य हो रही है। सभ कुछ पहले की तरह होने लगा है। लेकिन हमारी लापरवाही हमारी दुश्मन बन सकती है। महामारी के एक साल बाद स्थिति में काफी सुधार हुआ है। एक अनुमान के तौर पर 65 से 75 फीसदी उद्योग पटरी पर लौट आए है। पलायन कर चुके श्रमिकों के वापस लौटने से उद्योगों में कामकाज तेजी से चल रहा है।