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गेहूं फसल की खरीद में विवाद के बाद सरकार ने किए नए बदलाव, अलग थलग हुआ सारा हिसाब किताब

जहां एक तरफ वीरवार से प्रदेश भर में गेहूं खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई है। वही दूसरे दिन यानी कि शुक्रवार को कई विवाद सामने खड़े हुए देख सरकार ने फसल खरीद की प्रक्रिया में तुरंत नए बदलाव कर दिए। नए नियम के चलते अब एक ऐसा नया विकल्प दीया गए हैं जिसके बाद अब 50 प्रतिशत किसानों को सरकार द्वारा खुद बुलाया जाएगा बुलाएगी।

वही 20 प्रतिशत किसान जिनकी फसल पक चुकी है और वे चाहते हैं कि सरकार उनकी फसल पहले खरीदे, वे खुद को रजिस्टर करा सकते हैं, उनको भी टोकन दिया जाएगा। इसके अलावा 30 प्रतिशत किसान बुलाने का अधिकार आढ़तियों को दिया गया है।

गेहूं फसल की खरीद में विवाद के बाद सरकार ने किए नए बदलाव, अलग थलग हुआ सारा हिसाब किताब

डिप्टी सीएम ने शुक्रवार को कहा कि फसल खरीद में कोताही पर जिम्मेदार कर्मचारियों व अधिकारियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पंजीकृत किसानों को जिस दिन बुलाया जाए तो उसकी फसल तुरंत खरीदी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 500 केंद्रों पर खरीद शुरू हो चुकी है।

इस बार 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं आने का अनुमान है। प्रदेशभर में खरीद के दूसरे दिन करीब 3 हजार गेट पास कटे हैं और मंडियों में 28 हजार टन से अधिक गेहूं की आवक हुई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एसीएस अनुराग रस्तोगी ने बताया कि अब किसानों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।

करनाल अनाजमंडी में गेहूं खरीद के दूसरे दिन ही हंगामा हो गया। बगैर शेड्यूल के दो किसान मंडी में गेहूं लेकर पहुंच गए। मुख्य गेट से किसानों को मंडी के अंदर नहीं जाने दिया। आढ़ती एसोसिएशन और किसान नेताओं ने हंगामा किया।

विरोध के चलते मार्केट कमेटी के कार्यालय में गेहूं की ट्राॅली खाली कर दी गई। किसानों ने चेतावनी दी कि शुक्रवार काे मार्केट कमेटी कार्यालय में गेहूं डाली है। शनिवार को डीसी कार्यालय में डालेंगे। मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि शेड्यूल के अनुसार ही गेहूं का गेट पास काट सकते हैं।

शुक्रवार को बीजना के किसान भूपेंद्र सिंह और ब्रिजपुर गांव के किसान पवन करीब 6 एकड़ के गेहूं लेकर पहुंचे थे। आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान रजनीश चौधरी का कहना है कि शेड्यूल जारी करना गलत है।

5 अप्रैल को आढ़तियों की प्रदेशस्तरीय बैठक में अगर आढ़ती गेहूं खरीद न कर हड़ताल पर जाने का फैसला लेते हैं तो सरकार डिपो होल्डर्स के जरिए व्यवस्था बनाने पर विचार कर रही है। डिपो होल्डर्स को टेंपपेरी लाइसेंस भी जारी किए जाएंगे।

ढाई प्रतिशत आढ़त डिपो होल्डर्स को दी जाएगी। एसडीएम थानेसर अखिल पिलानी ने कहा कि व्यापारियों के जरिए ही खरीद होगी, हालांकि जरूरत पड़ने पर डिपो होल्डर्स के जरिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाने के आदेश आए हैं।

Avinash Kumar Singh

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