किसानों के गेहूं की खरीद को लेकर खट्टर सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक बार फिर किसानों के हित में घोषणा की है। खट्टर सरकार ने प्रदेश में गेहूं की खरीद के नियम बदल दिए हैं।

किसान उस स्थिति में भी अपनी फसल भेज सकते हैं जब उनके पास कोई एसएमएस न आया हो। यदि किसान को कोई एसएमएस प्राप्त नहीं हुआ है

किसानों के गेहूं की खरीद को लेकर खट्टर सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला

और उसके बावजूद भी वह अपनी फसल मंडी लेकर आता है तो उसकी फसल को खरीदा जाएगा। गेहूं खरीद को लेकर सरकार द्वारा बनाए गए अन्य कई नियमों को भी वापस लिया गया है।

किसानों के गेहूं की खरीद को लेकर खट्टर सरकार ने लिया एक और बड़ा फैसला

करीब 80 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद की संभावना है। प्रदेश कृषि मंत्री जेपी लाल ने कहा कि बिना समय लिए हुए मंडी आए किसान का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा।

प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा में बिना मैसेज की तारीख के भी आए किसान की फसल को दर्ज किया जाएगा।

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उन्होंने बताया कि अधिकारियों को यह आदेश भी दिया गया है कि उसी दिन उनकी फसल को खरीदा जाए।अधिकारियों द्वारा किसानों को बगैर मैसेज के भी गेट पास मुहैया कराया जाएगा,

कभी उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा। मंत्री ने किसानों से मेरी फसल मेरा ब्यौरा में रजिस्ट्रेशन कराने की भी अपील की।

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उन्होंने कहा कि जबसे हमारी सरकार आई है किसानों के हित में काम कर रही है जबकि कांग्रेस द्वारा किसानों को गुमराह करने का कार्य किया जा रहा है।

मंत्री ने कहा कि किसानों के कल्याण को लेकर उठाए गए कदमों से कांग्रेसी नेता परेशान हो रहे हैं। ये कांग्रेसी नेता झूठ फैला रहा है, क्योंकि सच से उनका काम नहीं चल पा रहा है।मंत्री ने बताया कि गेहूं की खरीद का कोई भी अंतिम लक्ष्य नहीं रखा गया है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी किसानों की फसल का एक एक दाना खरीदा जाएगा। साथ ही 72 घंटों के अंदर उनकी फसल की अदायगी भी उनके बैंक खाते में के दी जाएगी और यदि ऐसा नहीं होता है तो ब्याज के साथ उनकी अदायगी की जाएगी।

वहीं प्रदेश के किसानों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि जब भी वह मंडी में आते हैं उन्हें किसी ने किसी समस्या का सामना करना पड़ता है

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सबसे पहली समस्या की कोई आती है कि उनकी फसल तैयार होकर खेतों में होती है लेकिन सरकार का कोई s.m.s. उनको नहीं आ पाता है.

तो इस समय यह समस्या होती है कि पकी हुई फसल को खेत में कैसे रखा जाए और यदि मंडी में लाया जाता है तुमको गेट पास नहीं मिलता है

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जब इस बारे में मंडी के असिस्टेंड सेक्रेटरी इंद्रपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम किसानों के साथ तालमेल बैठाने का प्रयास कर रहे हैं .

यदि कोई किसान अपने समय से पहले अपने गेहूं की ट्रॉली लेकर मंडी में पहुंचता है तो उनको एक ट्रॉली का गेट पास हम देते हैं ताकि उसे वापस ना मोटा हो जा सके