लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष दोनों की अहम भूमिका होती है। सत्ता जहां लोगों की समस्याओं का समाधान करती है तथा योजना बनाती है वहीं विपक्ष उनकी योजनाओं में खामियां निकालता है।
एक सफल लोकतंत्र के लिए विपक्ष का होना बेहद जरूरी है परंतु इन दिनों फरीदाबाद की राजनीति में विपक्ष नाम का शब्द गायब ही हो चुका है। अगर हम विपक्ष के बारे में सोचते हैं तो हमारे मन में सबसे पहला ख्याल कांग्रेस का आता है परंतु कांग्रेस का हाल इन दिनों जिले में बदहाल है।
जिले में कांग्रेस के प्रभावी चेहरों में एनआईटी 86 विधायक नीरज शर्मा, बड़खल विधानसभा से विधायक पद के उम्मीदवार रह चुके विजय प्रताप, बलजीत कौशिक, प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड़ आदि शामिल है। जिले में इन दिनों कांग्रेस जिला अध्यक्ष का पद खाली है।
कांग्रेस आलाकमान द्वारा इस पद को जल्द से जल्द भरने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। कुछ समय पहले भी इस पद को लेकर कॉन्ग्रेस पार्टी के द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें कांग्रेस के नेता आपस में ही भिड़ गए। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी के अंदर राजनीति चल रही है और पार्टी में एकजुटता नहीं है। इस प्रेस वार्ता में कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता व पार्टी नेता भी मौजूद नहीं थे।
आम आदमी पार्टी भी जिले में विपक्ष की भूमिका निभा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं परंतु जमीनी स्तर पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।
आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार गुप्ता जिले में आए दिन प्रेस वार्ता का आयोजन करते हैं और पार्टी की रणनीति पर विचार करते हैं। अगर बात करें चुनावों की तो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी वही आम आदमी पार्टी की ओर से घोषणा की गई है कि पार्टी इस बार सभी चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेगी। बहुजन समाज पार्टी विपक्ष की भूमिका में है परंतु बसपा में भी जिले में प्रभावी चेहरों की कमी है।
बहरहाल, जिले में इन दिनों बीजेपी का बोलबाला है। केंद्र की कमल सरकार जिले में कई योजनाएं ला रही है परंतु उन योजनाओं की आलोचना करने वाला विपक्ष फरीदाबाद में मजबूत ही नहीं है।
Written By Rozi Sinha