माता रानी के पावन पर्व की शुरुआत 13 अप्रैल से होने वाली है। 13 अप्रैल से 9 दिनों तक माता की पूजा की जाएगी। इसको लेकर पहले जहां लोगों में काफी उत्साह देखने को मिलता था। वही पिछले 2 साल से महामारी के चलते लोगों में यह उत्साह बहुत ही कम हो गया है। जिससे दुकानदार काफी नाखुश है।
अगर हम 2 साल पहले की बात करें तो नवरात्रों शुरू होने से पहले ही बाजारों में रौनक दिखाई दे दी जाती थी। लेकिन अब दुकानदार तो समान लगाते हैं। लेकिन कस्टमर के द्वारा वह रौनक काफी सीखी हो चुकी है।
नवरात्रों पर सभी सच्चे मन से उपवास रखते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने की आस रखते हैं। लेकिन पिछले 2 साल से लोगों के द्वारा नवरात्रों के उपवास रखने भी काफी कम हो चुके हैं। क्योंकि लोगों के मन में यह भ्रम बैठ चुका है कि अगर उपवास के दौरान उनको किसी प्रकार की कोई कमजोरी आ जाती है।
तो वह महामारी का शिकार हो सकते हैं। इसी वजह से लोगों ने 9 दिनों की बजाय 2 दिन का उपवास रखना शुरू कर दिया है।
अग्रवाल आटा चक्की सेक्टर 3 के मनीष कुमार ने यह बताया कि चिप्स के रेट में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं हुई है। वहीं लड्डू के रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है । पहले के मुकाबले जरूरी सामान में बढ़ोतरी हुई है जैसे नारियल, कूटू का आटा। उन्होंने यह बताया है कि इन चीज़ों का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है।
उन्होंने बताया कि दुकानदारों के द्वारा तो सभी प्रकार का सामान दुकानों पर सजा कर रखा हुआ है। लेकिन कस्टमर के द्वारा उन सामानों को खरीदा नहीं जा रहा है। क्योंकि महामारी के दौर में लोगों ने उपवास रखना भी बंद कर दिया है। इसी वजह से नवरात्रों के 9 दिन की बजाय अब वह 2 दिन का ही उपवास रखते हैं जिसकी वजह से उनकी बिक्री में भी काफी असर हुआ है।
जहां दूसरी तरफ मंदिरों को सजाया जा रहा है सुबह-शाम की आरती ,प्रसाद, सजावट की शुरुआत कर दी गई है । पावन पर्व के चलते मंदिरों में पहले के मुताबिक उतनी छूट नहीं दी जाएगी तथा नियमों का पालन किया जाएगा।
एनआईटी वैष्णो देवी मंदिर के प्रधान जगदीश भाटिया ने बताया कि मंदिरों में सैनिटाइजर का प्रबंध कर दिया गया है। बिना सैनिटाइज होकर मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा माता रानी की मूर्ति के आगे ग्रिल को लगा दे गया है।
उस ग्रिल से आगे कोई भी व्यक्ति माता रानी के दर्शन करने के लिए नहीं आएगा। आज मंदिर में किसी प्रकार की कोई भीड़ ना हो इसका भी ध्यान रखा गया है। एक समय में मात्र 10 लोग ही माता रानी के दर्शन करने के लिए मंदिर के अंदर प्रवेश करेंगे और उनको तुरंत दर्शन करते ही बाहर निकाल दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि किसी भी चीज को छूने की अनुमति नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग पर पूरा ध्यान दिया जाएगा। इन्हीं नियमों से कोरोना से बचा जाएगा।