फरीदाबाद का दौरा कर रहे थे सूबे के सरदार, कुछ समय के लिये रुक गई थी शहर की रफ्तार

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फरीदाबाद : कितना मुश्किल होता है राजा बनना और उससे ज्यादा मुश्किल होता है उस पद पर रहते हुए अपनी प्रजा के दिल पर राज करना. आप को याद होगा कि पुराने जामने में जब राजा की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलती थी.

तो शहर कोतवाल पूरे आवाम को मुनादी करके इत्तला करते थे कि आज राजा की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी ।ताकि पूरी जनता को राजा के आने की सूचना मिल सके ।

फरीदाबाद का दौरा कर रहे थे सूबे के सरदार, कुछ समय के लिये रुक गई थी शहर की रफ्तार

कुछ ऐसा ही शनिवार को फरीदाबाद में देखने को मिला जब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शहर का दौरा करने के लिए पहुंचे फरीदाबाद में वह कुछ जरूरी मीटिंग करने के लिए आए थे ।

तथा इस मीटिंग के बाद उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश अधिकारियों को भी दिए साथ ही पत्रकारों से वार्ता करते हुए फरीदाबाद में होने वाले आगामी विकास कार्यों पर भी बात की।

फरीदाबाद का दौरा कर रहे थे सूबे के सरदार, कुछ समय के लिये रुक गई थी शहर की रफ्तार

लेकिन इस दौरे ने पूरी फरीदाबाद की जनता को असहजता महसूस कराया जिला प्रशासन द्वारा नाही इस बात की जानकारी दी गई की फरीदाबाद की कौन सी गलियां कौन सी रोड और कौन से नाकों पर पुलिस का पहरा होगा.

अन्यथा पूरे दिन लोग जगह जगह पर प्रशासन द्वारा लगाए गए बेरिगट्स से परेशान होते रहे और अपने लिए आसान रास्ते तलाशते रहे लेकिन आम जनता को पुलिस की लगाई पवंदियो के कारण दो चार होना पड़ा।

फरीदाबाद का दौरा कर रहे थे सूबे के सरदार, कुछ समय के लिये रुक गई थी शहर की रफ्तार

पर किसी भी नेता या राजनेता को इस बात से फर्क नहीं पड़ता की आम जनता किन बातों से परेशान हो रहे हैं इतना है कि हमारा द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों जनता से किस प्रकार का खतरा हालांकि इस बार मुख्यमंत्री ने एक प्रोटोकॉल को जरूर बदल दिया था उनकी गाड़ी इस समय अभी अधिकारियों से आगे चल रहे थी ।

अमूमन देखा गया है कि किसी भी राजनेता की गाड़ी काफी लेकर या तो बीच में चलती है या फिर लास्ट के कुछ गाड़ियों के साथ चल रहे होते हैं लेकिन इस बार मुख्यमंत्री ने इस प्रोटोकॉल को बदल दिया था।