एटीएम से धोखाधड़ी तो बात सुनी होगी। लेकिन इंश्योरेंस के प्रीमियम के नाम पर भी एक बुजुर्ग दंपत्ति से लाखों रुपए ठगने का मामला सामने आया है। बुजुर्ग दंपत्ति ने गवर्निंग बॉडी आफ इंश्योरेंस काउंसलिंग के मेंबर पर विश्वास करके उनको लाखों रुपए विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए। ऐसा ही एक मामला फरीदाबाद में देखने को मिला है
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार sector-46 के रहने वाले सुधीर सिंह जिनकी उम्र 75 वर्षीय है व उनकी पत्नी जिनकी उम्र 70 साल है ने बताया कि उनके द्वारा दो इंश्योरेंस पॉलिसी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मैं की हुई है। दोनों पॉलिसी तीन लाख और दो लाख की की हुई है।
पॉलिसी को 5 साल पूरे होने के बाद वह दोनों पॉलिसी को बंद करवाने के लिए अप्लाई किया था। इसी दौरान उनके पास गवर्निंग बॉडी आफ इंश्योरेंस काउंसिल के एक मेंबर अमित कुमार सिंह का फोन आया और उन्होंने बुजुर्ग दंपत्ति से कहा कि वह बहुत ही कम प्रीमियम में उनकी जो पॉलिसी है उसको अच्छा रिटर्न दिलवा सकते हैं।
उसके लिए उनको टोटल 51 हज़ार देने होंगे। उन्होंने अमित के बात पर विश्वास करके अमित के द्वारा दिए गए अकाउंट में रुपए जमा करवा दिए। कुछ समय के बाद अमित कुमार सिंह का दोबारा से बुजुर्ग दंपत्ति के पास फोन आया और उन्होंने कहां की उनको और भी अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
अगर वह दोनों इंस्टॉलमेंट के डबल पेमेंट उनको कर दे। बुजुर्ग दंपत्ति ने विश्वास करते हुए अमित कुमार को 5 इंस्टॉलमेंट में दो लाख विभिन्न खातों में जमा करवाएं। उन्होंने बताया कि मनीष के द्वारा उनको एसएमएस के जरिए बताया जाता था कि उनको किस खाते में कितने रुपए जमा करने हैं।
जिसके बाद वह उन खातों में पैसे जमा करते थे। पैसे जमा करने के बाद भी जो उनके पास किसी प्रकार का कोई पेपर वर्क नहीं आया। तो उन्होंने दोबारा से अमित कुमार को फोन करा। तो उन्होंने बुजुर्ग दंपति को ईमेल के जरिए एक पीडीएफ फाइल दी। जिससे प्रोटेक्टेड पासवर्ड लगा हुआ था।
बुजुर्ग दंपति ने दोबारा से अमित को फोन करके बताया कि उसे कहा कि यह फाइल तो ओपन नहीं हो रही है। क्योंकि इसमें पासवर्ड लगा हुआ है। तो उन्होंने बुजुर्ग दंपति से कहा कि उसको पीडीएफ खोलने के लिए आपको करीब 12 प्रतिशत प्रोट्रैक्टेड टेक्स्ट पर करना पड़ेगा।
जिसके बाद ही उस फाइल का पासवर्ड आपको बताया जाएगा। जब उन्होंने उनसे 12% टैक्स के नाम पर पैसे मांगने तो उनको शक हुआ तो उन्होंने उनको ईमेल के जरिए कहा कि वह एक फ्रॉड कंपनी है और 1051000 जो उन्होंने उनसे लिए है उसको वह वापिस कर दे।
लेकिन 20 अगस्त 2020 के बाद से अमित सिंह और मनीष शाह दोनों का फोन नंबर बंद आ रहा है। उन्होंने बताया कि इन दोनों के अलावा एक मीनाक्षी अग्रवाल भी उनसे गवर्निंग बॉडी ऑफ इंश्योरेंस काउंसलिंग के मेंबर मेंबर के तौर पर बात किया करती थी। पुलिस ने तीनों लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।