इस पूरे परिवार को लील गयी महामारी, जहां पहले खुशियां थीं अब वहां कोई रोने वाला भी नहीं

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    महामारी अपना भयावह रूप ले चुकी है। हर तरफ त्राहिमाम मचा है। मौतों का आकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। स्थिति काफी डराने वाली हो गयी है। ऐसे में उज्जैन शहर से दुख भरी खबर है। यहां महामारी एक हफ्ते में पूरा परिवार लील गयी। पहले दादा, फिर मां, फिर पिता और फिर परिवार में आखिरी बची बेटी की भी मौत हो गई। खबर सुनकर पूरा शहर सकते में है।

    इस खबर को सुनकर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है लेकिन सच यही है कि महामारी पूरा परिवार लील गयी। महामारी ने ये कोहराम उज्जैन के आदर्श विक्रमनगर में रहने वाले जैन परिवार में मचाया। घर के बड़े सदस्य संतोष कुमार जैन, उनकी पत्नी मंजुला और उनकी 26 साल की बेटी आयुषी महामारी की वजह से एक हफ्ते में दुनिया छोड़ गए।

    इस पूरे परिवार को लील गयी महामारी, जहां पहले खुशियां थीं अब वहां कोई रोने वाला भी नहीं

    जिस परिवार में पहले खुशियां थीं वहां अब कोई रोने वाला भी नहीं बचा। पूरा परिवार महामारी ने अपनी चपेट में ले लिया। घर की देखरेख तक करने वाला कोई नहीं बचा। रिश्तेदारों ने नीदरलैंड में रह रही उनकी बेटी को सूचना दे दी है और घर के बाहर गार्ड तैनात कर दिया है। 3 अप्रैल को सतोष कुमा जैन के पिता का देवास में निधन हो गया।

    इस पूरे परिवार को लील गयी महामारी, जहां पहले खुशियां थीं अब वहां कोई रोने वाला भी नहीं

    महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हर तरफ चिंता और चिता दिखाई दे रही है। देवास से आने के बाद 8 अप्रैल को उनकी पत्नी मंजुला जैन को बुखार आया जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन दो दिन बाद 10 अप्रैल को मंजुला का निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार के बाद संतोष जैन की तबीयत खराब हुई।

    इस पूरे परिवार को लील गयी महामारी, जहां पहले खुशियां थीं अब वहां कोई रोने वाला भी नहीं

    परिवार में अब कोई नहीं बचा है। आस – पास रहने वाले पड़ोसी सकते में हैं। जब संतोष और बेटी आयुषी ने सैंपल दिया तो पॉजिटिव निकले। जैन को यहीं निजी अस्पताल में जगह मिल गई, जबकि बेटी को देवास के अस्पताल में भर्ती किया गया। इस बीच 16 अप्रैल को जैन का निधन हो गया और 19 अप्रैल को आयुषी ने भी दम तोड़ दिया।