हरियाणा में इस समय महामारी की दूसरी लहर ने कहर ज़ोरो – शोरो से मचा रखा है। हर जगह स्थिति डरावनी है। मामलों में बढ़ोतरी लगातार हो रही है। रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों में महामारी का डर दिखाई देने लगा है। जिसकी बदौलत सवारियों की संख्या में भी कमी आ रही है। महामारी काल में सवारियों रोडवेज में सफर करने से परहेज करने लगी हैं।
इस समय प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी त्राहिमाम मचा हुआ है। लोग सुरक्षित रहने के लिए खुद के निजी वाहन में सफर करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिस कारण कई बसें काफी कम सवारियों में रूटों पर चल रही हैं।
महामारी की दूसरी लहर ने कहर मचा दिया है। लगातार मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इसी को देखते हुए सरकार ने भी रोडवेज बसों में आधी सवारी बैठाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसके बाद रोडवेज में क्षमता से आधी सवारियां ही बैठाई जा रही हैं। इसका असर यह हुआ कि हर रोज यात्रा करने वाली सवारियों में भी काफी गिरावट हुई है, जिससे रोडवेज विभाग को होने वाले लाभ में भी कमी आई है।
ऐसे समय में लापरवाही बरतना काफी नुकसानदेह हो सकता है। महामारी के खतरे को देखते हुए हरियाणा ने मार्च 2020 में लॉकडाउन के दौरान रोडवेज बसें बंद की थी। इसके बाद आज तक पहले वाली सवारियों की स्थिति नहीं बन पाई है। हालांकि जून 2020 में रोडवेज बसें शुरू जरूर कर दी थी, लेकिन शुरूआत में काफी कम रूटों पर बसें चली और काफी कम ही सवारियां रही।
महामारी से मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। स्थिति काफी डराने वाली बनी हुई है। कोई भी ऐसा राज्य नहीं जहां मामले कम हो रहे हों। लगातार बढ़ते मामलों ने हमारी लापरवाही को उजागर किया है।