पृथ्वी के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर इन दिनों सभी का दिल जीत रहे हैं। सभी इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं। हर कोई इनकी बात कर रहा है। कारण बहुत से हैं। हरियाणा के जींद जिले के सिविल अस्पताल में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश पांचाल ने इंसानियत का परिचय दिया। मुख्य गेट पर स्ट्रेचर न मिलने से गाड़ी में तड़प रही महिला को गोद में उठाकर इमरजेंसी तक पहुंचाया।
इन्हें काफी तारीफें मिल रही हैं। हर कोई इनका मुरीद हो रहा है। उन्होंने संक्रमण की भी परवाह नहीं की। डॉक्टर को ऐसा करते देख कर्मचारी स्ट्रेचर लेकर आए, लेकिन एनीमिया ग्रस्त महिला सोनिया ने दम तोड़ दिया। वह 8 माह की गर्भवती थीं। उनकी महामारी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
महामारी के कारण आज – कल लोग एक दूसरे से दूर भाग रहे हैं। कोई नज़दीक आने का परिचय नहीं दे रहा है। ऐसे में डॉक्टर ने महामारी की परवाह किये बिना काफी कुछ कह दिया है। इस महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी सोनिया के रूप में हुई है। सोनिया अपने पति रामशाही के साथ गांव खरकरामजी के एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करती थीं और आठ माह की गर्भवती थीं।
महिला की ज़िंदगी नहीं बच सकी। मरते वक़्त वह मदद की आस लगाए बैठी थीं। डॉक्टर ने उनकी मदद की। महिला की मौत के बाद उनका महामारी टेस्ट किया गया, लेकिन वह निगेटिव मिला। सांसद दीपेंद्र ने ट्वीट कर लिखा कि जींद के सामान्य हॉस्पिटल में स्ट्रेचर नही मिला और महिला की स्थिति गंभीर दिखी तो महिला मरीज को दोनों हाथों में उठाकर दौड़े डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर रमेश पांचाल…. salute sir कौन कहता है इंसानियत मर गयी है?
जींद के सामान्य हॉस्पिटल में स्ट्रेचर नही मिला और महिला की स्थिति गंभीर दिखी तो महिला मरीज को दोनों हाथों में उठाकर दौड़े डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर रमेश पांचाल…. salute sir
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) April 26, 2021
कौन कहता हैं इंसानियत मर गयी हैं? pic.twitter.com/4RZjfbjUBL
इंसानियत कहीं न कहीं अभी जीवित है। बस नजरिया गायब हुआ है। डॉक्टर के इस प्रयास की खूब तारीफ हो रही है। महिला में खून की कमी थी. उनकी हिस्ट्री देखने पर पता चला कि खून के कमी के चलते पिछले दिनों महिला रोहतक पीजीआई में दाखिल हुई थीं, जहां पर स्वजन पूरा इलाज करवाए बिना ही खरकरामजी ले आए थे।