महामारी का 2 दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन उसके बावजूद भी जिले में बेड और ऑक्सीजन की कमी आए दिन देखने को मिल रही है। सरकार के द्वारा हर मुमकिन कोशिश की जा रही है कि किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी ना हो।
लेकिन उसके बावजूद जिले का एकमात्र सरकारी अस्पताल जिसमें मरीजों को देखने को मिल रही है और परिजन अपने मरीजों को बचाने के लिए खुद ही ऑक्सीजन सिलेंडर अरेंज कर रहे हैं।
बीके अस्पताल में मौजूद मरीज़ अरविंद के भाई अरुण ने बताया कि उनके भाई को सास लेने में दिक्कत होने की वजह से कुछ दिन पहले बीके अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया था। लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं होने की वजह से उन्होंने खुद ही 2 बड़े वाले सिलेंडर ऑक्सीजन के अरेंज की है।
अब वह रोज उनको रिफिल करवाने के लिए अस्पताल से कंपनी लेकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में जब से वह भर्ती है। उनको एक बार भी अस्पताल की ओर से ऑक्सीजन नहीं मिली है और उनका जो मरीज है वह 24 घंटे ऑक्सीजन पर रहता है। क्योंकि उनको सांस लेने में दिक्कत है।
इसीलिए वह हर रोज एक सिलेंडर को रेफिललिंग करवाने के लिए कंपनी लेकर जाते हैं और घंटों इंतजार करने के बाद जब उनका नंबर आता है वह रिफिल करवा कर वापस अस्पताल मरीज के पास लेकर आते हैं। वहीं दूसरी ओर महामारी की चपेट में आए युवक को भी सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।
वह भी सोमवार की सुबह बी के सरकारी एमरजैंसी में भर्ती होने के लिए आया। लेकिन उसको सांस में दिक्कत होने की वजह से वह पहले से ही घर से एक अपना पर्सनल ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर आया और उसके बाद उसको अस्पताल में भर्ती किया गया। सूत्रों के अनुसार अस्पताल में जो गैस पाइपलाइन डाली हुई है उसमें ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है।
इसलिए वह ऑक्सीजन नहीं है। वहीं अगर हम सिलेंडर की बात करें तो सिलेंडर की भी काफी शॉर्टेज है। इसीलिए वहां पर मौजूद परिजनों को खुद ही अपने मरीज के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध करवानी पड़ रही है।