इस बात से सभी परिचित है कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सप्ताहभर का लॉकडाउन लगाया गया है। मगर बावजूद इसके अभी भी कुछ ऐसे युवक है जो लोग डाउन को गहनता से ना लेते हुए बेवजह घूम रहे हैं,
और ऐसे में अपने घूमने के शौक को पूरा करने के लिए वह डॉक्टर की दी हुई दवाइयों की परचिक का इस्तेमाल भी करने से बाज नहीं आ रहे।
जहां सुबह से ही पुलिस कर्मियों द्वारा चौक चौराहे पर तैनात होकर सड़कों से आवागमन करने वाले व्यक्तियों से उनके बाहर घूमने का कारण पूछा जाता है तो वही बेवजह बाहर घूमने वालों पर भी जमकर लाठी बरसाई जाती है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों द्वारा लाेगाें से काेराेना से बचाव के मद्देनजर घराें के अंदर रहने की अपील की जा रही थी।
एक बाइक सवार पुलिस से उलझ रहा था। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस ने युवक का चालान कर दिया।ऐसे में एक बाइक सवार ने डाॅक्टर की पर्ची दिखाते हुए कहा कि उसे बुखार है, जिसके कारण वह मेडिकल स्टाेर पर दवाई लेने जा रहा है। पुलिसकर्मी ने पर्ची देखा ताे वह आठ माह पहले की थी।
सख्ताई से पूछने पर युवक ने कहा कि वह सब्जी लेने के लिए जा रहा था। युवक ने बताया कि आठ माह पहले वह बीमार हुआ था, उसे लगा कि पुलिस रुकवाएगी ताे पुराना पर्ची दिखा दूंगा। जबकि पुलिस काे लिखी डेट के आधार पर पुराने पर्चा हाेने का पता लगा। पुलिस ने चेतावनी देकर युवक काे छाेड़ दिया।
मगर वास्तव में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें यह समझना होगा कि अगर 1 वर्ष बाद संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों को देखकर लॉक डाउन की स्थिति को दोबारा अमल में लाया जा रहा है तो स्थिति वास्तव में बेहद बेकार हो चुकी है और लोगों को सबक लेने की जरूरत है।