देश को महामारी के संकट के बीच एक तोहफा मिल सकता है। इस तोहफे का इंतज़ार हर वर्ग बेसब्री कर रहा है। भारत में 5G इसी साल शुरू हो सकती है। सरकार ने देश में 5G ट्रायल के लिए 13 आवेदनों को मंजूरी दे दी है। 5G ट्रायल से हुवावे और ZTE जैसी चाइनीज कंपनियों को दूर रखा गया है। टेलीकॉम विभाग को 5G के ट्रायल के लिए कुल 16 आवेदन मिले थे।
इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या भारत में करोड़ों में है। इंटरनेट के बिना सब सूना लगता है। सरकार ने देश में 5G के ट्रायल के लिए 13 कंपनियों को मंजूरी दी है। बीएसएनएल ने 5G की टेस्टिंग के लिए सीडॉट से समझौता किया है। भारत में 5G की टेस्टिंग के लिए दिए गए आवेदन में भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो जैसी कंपनियों ने एरिक्सन और नोकिया जैसे प्लेयर से टाई अप किया है।
हर कोई इस समय 5G इंटरनेट के आने का इंतज़ार कर रहा है। महामारी के बीच में यह एक खबर सकारत्मकता देती है। अभी देशभर में अलग-अलग इलाके के लिए में 5G का ट्रायल किया जाना है। टेलीकॉम कंपनियों को जल्द ही 5G के ट्रायल के उद्देश्य से 700 मेगाहट्र्ज बैंड मैं एयरवेव्स मिल जाएंगे। इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई है। 5G के ट्रायल के लिए एयरवेव्स उपलब्ध कराने के मामले में ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में टेस्टिंग किया जाना शामिल है।
देशभर में 5G सर्विस काफी तेज़ होगी। इंटरनेट की स्पीड बदल जाएगी। इंटरनेट ठप या धीमा हो जाए, तो लगता है मानों जिदंगी थम गई। अब ऐसा कम होने के आसार हैं। टेलीकॉम कंपनियों को चेतावनी दी गई है कि उन्हें यह एयरवेज सिर्फ ट्रायल के लिए दिए गए हैं और इसमें अगर वह कमर्शियल कामकाज शुरू करते हैं तो यह शर्त का उल्लंघन होगा। इसके लिए उन पर गंभीर कार्रवाई की जा सकती है।