वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में लोगों को नहीं मिल पा रहा है टीका, दावें हो रहे हैं फेल

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एक तरफ जिले में जहां टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हो गया है वहीं दूसरी तरफ लोगों को टीका ही नहीं मिल पा रहा। इसका मुख्य कारण टीका कम और लोगों का ज्यादा होना है। सरकार की तरफ से फरीदाबाद में टीके की नई खेप भेजी गई है। जल्द ही दूसरी खेप आने की उम्मीद है परंतु इन सब के बावजूद भी लोगों को टीका मुहैया नहीं हो पा रहा है।


सोमवार को जिले में 40 से अधिक केंद्रों पर टीकाकरण का आयोजन किया गया। क्योंकि निजी अस्पतालों में टीके नहीं लग रहे हैं। ऐसे में दूसरी डोज लेने वाले 45 साल से अधिक उम्र के लोग भी सरकारी केंद्रों पर ही टीका लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में टीकाकरण केंद्रों पर काफी भीड़ दिखाई दे दी है। सोमवार को बीके सिविल अस्पताल, सेक्टर 30 स्थित एफआरयू वन व सेक्टर 3 स्थित एफआरयू टू में टीका लगवाने के लिए आने वाले लोगों की काफी भीड़ दिखाई दी।

वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में लोगों को नहीं मिल पा रहा है टीका, दावें हो रहे हैं फेल

लोगों का कहना है कि अभी 8 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगनी है, जिसके हिसाब से ये खेप बेहद कम है। स्टॉक कम होने के कारण लोग बिना टीका लगवाए वापस लौटने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगाने के लिए वैक्सीन का अलग स्टॉक दिया जा रहा है, जबकि 18 प्लास वालों के लिए स्टॉक अलग है।

पिछले दिनों 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों के लिए 30 हजार डोज फरीदाबाद भेजी गई थी। वहीं, अब साढ़े 7 हजार नई डोज फरीदाबाद भेजी गई हैं। इसके अलावा 45 साल से अधिक उम्र वालों के लिए 20 हजार नई डोज फरीदाबाद पहुंची हैं। दवा की कमी होने के कारण 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण प्रभावित हो रहा था, लेकिन डोज आने के बाद इन लोगों को टीके लगाने का काम तेज हो सकेगा।

वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में लोगों को नहीं मिल पा रहा है टीका, दावें हो रहे हैं फेल

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रमेशचंद ने बताया कि 18 से 44 साल तक की उम्र के लोगों को अभी तक सरकारी अस्पतालों में ही टीके लगाए जा रहे हैं। निजी अस्तपालों को खुद वैक्सीन खरीद कर टीकाकरण शुरू करना है।

हालांकि निजी अस्पताल भी स्वास्थ्य विभाग के सुपरविजन में ही टीकाकरण करेंगे। उन्होंने बताया कि कई निजी अस्पतालों को जल्द ही टीका मिलने की उम्मीद है। उम्मीद है कि अगले एक – दो दिन में कुछ निजी अस्पतालों में टीकाकरण शुरू हो जाए।