प्रदेश में मजबूत हो रहा है महामारी का शिकंजा, ‌पिछले वर्ष से भयावह है स्थिति

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प्रदेश में महामारी के बढ़ते मामलों के चलते लॉकडाउन लगा दिया गया है। लॉकडाउन लागू होने के बावजूद संक्रमण का प्रदेश पर मजबूत होता शिकंजा शायद आमजन की लापरवाही का परिणाम हो सकता है। पिछले वर्ष लॉकडाउन में संक्रमण की रफ्तार कम थी परंतु इस वर्ष अप्रैल माह से कहीं ज्यादा मई महीने में महामारी के मामले सामने आए हैं।

हरियाणा में पिछले साल पहला महामारी का मामला 17 मार्च को आया था और महामारी संक्रमण से पहली मौत 2 अप्रैल को हुई थी। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अब तक संक्रमण के मामलों के साथ होने वाली मौतों की संख्या में हजारों गुना इजाफा हुआ है।

प्रदेश में मजबूत हो रहा है महामारी का शिकंजा, ‌पिछले वर्ष से भयावह है स्थिति

प्रदेश में शायद ही ऐसा कोई गांव है जहां संक्रमण का के सामने ना आया हो। महामारी संक्रमण की लगातार बढ़ती रफ्तार के कारण लॉकडाउन लागू है लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लॉकडाउन में सख्ती नजर नहीं आ रही है।

शायद यही कारण है कि आमजन संक्रमण के प्रति सतर्क होने की बजाय लापरवाही बरत रहे हैं जिसका कारण पिछले साल के मुकाबले इस साल अप्रैल-मई में महामारी के दैनिक मामलों और मौतों में 3 से 4 गुना बढ़ोतरी सामने आई है। शहरी क्षेत्र के साथ प्रदेश के ग्रामीण इलाकों तक संक्रमण की आज ने चिंता को बढ़ा दिया है।

बीते साल अप्रैल तक जहां महामारी के केवल 319 मामले आए और तीन लोगों की मौत हुई थी वहीं इस बार अप्रैल में 1.97 लाख 178 मामले सामने और 1061 लोगों को महामारी संक्रमण की वजह से अपनी जान गवानी पड़ी।

प्रदेश में मजबूत हो रहा है महामारी का शिकंजा, ‌पिछले वर्ष से भयावह है स्थिति

जहां तक पिछले साल मई के पहले 1 सप्ताह में महामारी के 286 संक्रमित आए और छह लोगों की मौत हुई थी वहीं इस बार मई के पहले सप्ताह में 99,704 संक्रमण के मामले और 1083 लोगों की मौत हुई यानी हर दिन औसतन 155 लोगों की मौत हो रही है जबकि पिछले महीने अप्रैल में रोजाना को औसत 35 मौत का था। पिछले महीने की तुलना में मई में अब तक दैनिक मामलों में भी दोगुना से ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है।