फरीदाबाद : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों बसे रूबरू हुए .उन्होंने प्रदेश में चल रहे हालातो पर चर्चा की गई । पत्रकार वार्ता में उन्होंने कुछ फैसले लिए और महामारी पर काबू पाने पर भी जोर दिया
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस कांफ्रेंस के मुख्य बिंदु:
-दूसरे देशों से भी यदि वैक्सीन खरीदी गई तो भी सरकारी अस्पतालों में वैक्सीनेशन फ्री किया जाएगा।
-अभी तक राज्य में 47 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।
-गंभीर बीमारियों के इलाज को कोई भी निजी या सरकारी अस्पताल प्रबंधन टाल नहीं सकेगा।
-आरटी-पीसीआर की जांच 70 फीसद होगी जबकि रैपिड टेस्ट 30 फीसद कर दिया है।
-कोरोना जांच की लैब अब आठ जिलों में होंगी।
-गांवों के सीएचसी में 10 बेड के कोविड केंद्र बनाए गए हैं ताकि गांवों में संक्रमण न फैले।
-टीकरी बार्डर पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलन स्थलों पर बंगाल की महिला का दुष्यकर्म मामले में जांच चल रही है। दोषियों को सजा मिलेगी।
-कंसनट्रेटर की खरीद के लिए सरकार व्यवस्था कर रही है। कुछ ने सीएसआर में खरीद रहे हैं।
इन पर आइजीएसटी और इंपोर्ट ड्यूटी खत्म केंद्र सरकार ने की है।
-पानीपत में 16 मई को 300 बेड का अस्पताल शुरू हो जाएगा। हिसार में भी 17 मई को
अस्पताल शुरू हो जाएगा। इनमें सीधे भर्ती नहीं होंगी रेफरल केस ही जाएंगे।
-निजी अस्पताल तय रेट से ज्यादा लेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
-ब्लैक फंगस के केसों को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है।
-2014 में 750 मेडिकल सीट थीं अब 1800 हो चुकी हैं। नए मेडिकल कालेज में सीटें बढ़ाएंगे और राज्य में 2500 तक सीट बढ़ाएंगे।
-350 संस्थानों ने राज्य में पंजीकृत कराया है कि घर-घर आक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए। अब पंजीकरण
के बाद आक्सीजन की जरूरत को पुलिस की पीसीआर भी पहुंचाएगी।
-प्रदेश में इस बार लाकडाउन के दौरान एक तिहाई उपस्थिति के साथ उद्योग चलाने की अनुमति दी है। केवल रिहायशी
क्षेत्रों में अनधिकृत उद्योगों को बंद कराने के लिए सख्ती की है। एक्सपोर्ट यूनिट पूरी तरह चल रही हैं।
-समाजसेवी संस्थाएं सामने आ रही हैं। हिसार और पानीपत में मरीजों के लिए भोजन देने के लिए संस्थाएं आगे आई हैं।
-विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि इस समय राजनीति करने वाले नेताओं को नुकसान ही होगा क्योंकि जनता सब समझती है।
-बहुत से गांव हाटस्पाट इसलिए बने हैं कि वहां के लोग किसान आंदोलन में हिस्सा लेने गए थे।