अभी महामारी से राहत भी नहीं मिली कि एक और बीमारी ने दस्तक दे दी। यह जानलेवा बीमारी है ब्लैक फंगस। देश के दूसरे राज्यों की तरह ही महामारी के बीच हरियाणा में ब्लैक फंगस का जाल फैलने लगा है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है। महामारी से ठीक होने के बाद अब ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें शुगर है और उन पर ब्लैक फंगस ने हमला बोल दिया है।
इस समय प्रदेश समेत देश महामारी के संकट से जूझ रहा है कि इस बीच ब्लैक फंगस का एक और खतरा लोगों को डराने लगा है। पीजीआई रोहतक के बाद अब करनाल स्थित कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी ऐसे दो मरीजों को दाखिल किया है। दोनों मरीजों की एक-एक आंख पर फफूंद बढ़ने लगी है। हालांकि, डाॅक्टरों ने इलाज शुरू कर दिया है।
पूरे देश में ब्लैक फंगस इस समय लोगों की और राज्य सरकारों की परेशानी बढ़ा रहा है। ब्लैक फंगस सबसे ज्यादा उन मरीजों पर घातक साबित हो रहा है जो कि महामारी से संक्रमित पाए जा चुके हैं और उन्हें डायबिटीज यानी मधुमेह है। ऐसे लोगों पर म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस फेफड़ों, आंखों और दिमाग पर असर डाल रहा है और यह उनकी जान पर भारी पड़ रहा है।
देश में इस समय काफी गंभीर हालात हैं। हर जगह त्राहिमाम मचा हुआ है। स्थिति काफी चिंताजनक है। यह बीमारी उन महामारी से पीड़ित मरीजों में देखने को मिल रही है जो डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह बीमारी आंखों में होने पर मरीज की रोशनी भी खत्म कर दे रही है। यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। इस बीमारी से शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं।
हर एक कदम संभल – संभल कर चलने का यह समय है। महामारी से अभी सारा देश लड़ ही रहा है कि एक और दुश्मन देश को मिल गया। ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस बीमारी से निपटने के लिए अभी सुरक्षित सिस्टम नहीं है। इसकी दवा की शॉर्टेज या कालाबाज़ारी अभी से ही कुछ जगहों पर होने की खबर आ रही है। ऐसे में विशेषज्ञ बताते हैं कि मौजूदा हालत को देखते हुए सतर्कता ही बचाव का एकमात्र कारण है।