हरियाणा सरकार ने निजी अस्पतालों की मनमानी को लेकर बेड तथा अन्य व्यवस्थाओं की कीमत निर्धारित कर दी है परंतु इसके बावजूद भी जिले के निजी अस्पताल अनाप-शनाप मदों के नाम पर मरीज के तीमारदारों से मोटी रकम वसूल रहे हैं।
जिले में अभी तक तीन अस्पतालों के खिलाफ इस विषय में शिकायत दी गई है। दो अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस तथा एक अस्पताल प्रशासन को फटकार लगाई गई है।
एनआईटी 5 में रहने वाले अनमोल धवन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी रणदीप पुनिया को बीके चौक स्थित एक अस्पताल के विषय में शिकायत दी है। धवन ने अपनी शिकायत में बताया कि उनका भाई विशाल बीते 20 अप्रैल को महामारी से संक्रमित हो गया था जिसके बाद विशाल को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
विशाल अस्पताल में 21 दिन भर्ती रहे और बीते सोमवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। अस्पताल प्रशासन की ओर से अनमोल धवन को 16 लाख रुपए का बिल थमाया गया। धवन ने जैसे- तैसे 6 लाख का इंतजाम कर अस्पताल प्रबंधन को दिया परंतु प्रबंधन दस लाख रुपए की मांग को लेकर अड़ा रहा।
अनमोल धवन ने इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी रणदीप पूनिया को की जिसके बाद पुनिया ने फोन पर ही अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई तथा मरीज को तुरंत डिस्चार्ज करने के आदेश दिए। तब कहीं जाकर अनमोल धवन ने चैन की सांस ली।
बल्लभगढ़ क्षेत्र स्थित एक अस्पताल में एनआईटी निवासी सुलोचना को भर्ती कराया। भर्ती कराने के कुछ समय बाद मरीज की मौत हो गई। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों से 1 लाख 8500 रुपए की मांग की गई।
मृतका के बेटे व अन्य परिजनों ने इसका विरोध किया और तो अस्पताल प्रबंधन ने आधी राशि लौटा दी। मृतिका के बेटे हिमांशु गुलाटी अब इस बात की शिकायत सीएमओ तथा जिला उपायुक्त को करेंगे।
गौरतलब है कि इन दिनों महामारी के चलते लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है ऐसे में कुछ निजी अस्पताल लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मोटी रकम वसूल रहे हैं वहीं जिला प्रशासन ऐसे अस्पताल प्रबंधन की ओर साथ है और उचित कार्यवाही कर रहा है।