शहर में अगर 2 दिन हल्की बूंदाबांदी भी हो जाए तो जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन जाती है। लेकिन उस जलभराव की स्थिति को निपटने के लिए लोग अपने वाहनों का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन एक ऐसा अंडरपास जिले में मौजूद है। जहां पर अगर बरसात की बूंदाबांदी भी 24 घंटे होती रही तो वहां का जो अंडर पास है।
वह 8 से 10 फीट तक पानी से लबालब भर जाता है। जिसके चलते लोगों को उस अंडरपास की बजाए अंडरपास के ऊपर से गुजर रही रेलवे लाइन को क्रॉस करके अपने गंतव्य पर पहुंचना पड़ता है। जिसके चलते कई बार उनको अपनी जान भी गवानी पड़ती है ।
हम बात कर रहे हैं जिले के एनएचपीसी अंडरपास की जो कि नेशनल हाईवे से सूरज कुंड रोड को जोड़ता है, और इसमें हर रोज करीब हजारों की संख्या में लोग आवागमन करते हैं। ग्रीन फील्ड गुरुद्वारा कमेटी के वाइस प्रेसिडेंट सरदार कुलदीप सिंह ने बताया कि उनके द्वारा एक आरटीआई लगाई गई थी।
जिसमें उनको जवाब मिला है कि जब भी इस अंडरपास में पानी भरा है और उस दौरान लोगों के द्वारा रेलवे लाइन को क्रॉस किया गया है,तो उस दौरान जिले के 15 लोगों ने अपनी जान गवाई है।इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।
लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन व सरकार के द्वारा इस अंडरपास में पानी की निकासी या फिर यूं कह रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर किसी प्रकार का कोई भी प्रोजेक्ट नहीं बनाया गया है। जिसकी वजह से लोगों को हर साल बरसात के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जिन लोगों को पता होता है कि इस अंडरपास में कितनी गहराई तक पानी भरा होता है वह अन्य रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन जिनको नहीं पता होता है, वह इस रास्ते से निकलने की कोशिश करते हैं।
लेकिन वह जब बीच मझधार में पहुंचते हैं तब उनकी जो वाहन होता है, वह पूरी तरह से डूब जाता है और उनके परिवार को बचाने के लिए लोगों का सहारा लेना पड़ता है।
इन सभी घटनाओं के बावजूद भी प्रशासन और सरकार का इस अंडरपास की और किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं गया। इसके अलावा अंडरपास के दोनों तरफ किसी प्रकार का कोई नोटिस बोर्ड भी नहीं लगाया हुआ है कि बरसात के दिनों में इस अंडरपास का इस्तेमाल ना करें।
क्योंकि अंडरपास की जो बीच मझधार की जो गहराई है। वह बहुत ज्यादा है। अगर आप इसका इस्तेमाल करते हैं तो आप डूबी सकते हैं। अगर इस तरह के नोटिस भी यहां लग जाए तो लोगों को पता चल जाएगा चाहिए अंडर पास कितना खतरनाक है।
उन्होंने बताया कि शनिवार को भी एक हादसा हुआ जिसमें सिक्योरिटी गार्ड रेल की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया और उसको दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर करना पड़ा। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के हास्य आए दिन उनको देखने को मिलते हैं,लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं जाता है।