महामारी के इस तंगी के माहौल में अब सरकार लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कान देने जा रही है। जी हाँ, महामारी के कारण पैदा हुए आर्थिक हालात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को रोक रखा है। सरकार ने जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता रोक दिया था। यह रोक जून 2021 तक है। जनवरी 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए चार फीसदी बढ़ा था। इसके बाद दूसरी छमाही में इसमें तीन फीसदी का इजाफा हुआ।
अपने कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार यह एक तोहफा लेकर आयी है। इस साल जनवरी में डीए चार फीसदी बढ़ा है। इस तरह डीए 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी होने से कर्मचारियों को लाभ होगा। हालांकि सरकार ने पिछले साल जनवरी से ही इसमें रोक लगाई हुई है।
महामारी के इस काल में चारों तरफ से नेगेटिव खबरें ही सुनने को मिल रही हैं। लेकिन जून 2021 में करोड़ों कर्मचारी और पेंशनर के लिए यह पॉजिटिव खबर है। पीएफ का कैलकुलेशन हमेशा वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर किया जाता है। इसलिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से पीएफ बैलेंस में भी बढ़ोतरी होगी।डीए में बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों की डीए, एचआरए, ट्रेवल अलाउंस और मेडिकल अलाउंस सीधे तौर पर प्रभावित होगा।
1 जुलाई से डीए पर लगी पाबंदियां हट जाएंगी। इससे कर्मचारियों को सीधे सैलरी में फायदा होगा। डीए 17 फीसदी से बढ़कर 28 फीसदी होने से न केवल केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी में बढ़ोतरी होगी बल्कि इससे पीएफ में उनका योगदान भी बढ़ेगा। पीएफ बैलेंस बढ़ने से उस पर ब्याज भी ज्यादा मिलेगा। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पीएफ कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी प्लस डीए के आधार पर तय होता है।
इस खुशखबरी का इंतज़ार कई महीनों से केंद्रीय कर्मचारी कर रहे थे। अब केंद्रीय कर्मचारियों कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 1 जुलाई से बढ़ने की पूरी संभावना है। उनका महंगाई भत्ता अब सीधे 28 फीसद हो जाएगा।