मॉनसून को लेकर नगर निगम की नहीं है कोई तैयारी, क्या डूब जाएगा शहर?

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मानसून आने वाला है लेकिन बीते दिनों हुई बरसात के पश्चात जिले की सड़को के जो हालात देखने को मिले उन्हें देखकर लगता है जैसे जिले में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं की गयी है। आपको बता दे कि स्मार्ट सिटी की सड़कों से जलनिकासी करने वाले करीब 34 बड़े डिस्पोजल में से 11 डिस्पोजल काम नहीं कर रहे हैं।

कुछ मोटर खराब हैं, तो किसी की बेल्ट टूटे महीनों बीत गए हैं। इसके अलावा बड़े नालों की सफाई का काम भी शुरू नहीं किया गया। बरसात से पहले सड़कों के गड्ढे भरने की भी कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।

मॉनसून को लेकर नगर निगम की नहीं है कोई तैयारी, क्या डूब जाएगा शहर?

दरअसल, स्मार्ट सिटी की प्रमुख सड़कों में गहरे गड्ढ़े हैं। नगर निगम ने गड्ढों को भरने या सड़क मरम्मत करने का काम शुरू नहीं किया है। ऐसे में आशंका है कि सड़कों की मरम्मत नहीं होने से गड्ढे बरसात में लोगों के लिए मुसीबत बन सकते हैं।

अंबेडकर चौक से प्याली चौक का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। जबकि सारन चौक से व्हर्लपूल चौक की सड़क, सेक्टर-55 की सड़क, मेडिकल कॉलेज के सामने वाली सड़क, एनएच-दो स्कूल के सामने वाली सड़क, पुराना फरीदाबाद आदि इलाकों की सड़कों के गड्ढ़े इस बरसात में अधिक खतरनाक होने की आशंका है।

सारन चौक से हार्डवेयरचौक वाली सड़क बीते छह साल से नहीं बनी है। अब यहां सड़क नाम की कोई चीज नहीं है, बल्कि सड़क में दो-तीन फुट के गहरे गड्ढे हैं।

मॉनसून को लेकर नगर निगम की नहीं है कोई तैयारी, क्या डूब जाएगा शहर?

एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सड़क में गहरे गड्ढे हैं। इन गहरे गड्ढों में थोड़ी सी बारिश में ही जलभराव हो जाता है। बल्लभगढ़-सोहना रोड में गहरे गड्ढे वाहन चालकों के लिए मुसीबत बने हैं। जबकि इस सड़क से गुरुग्राम और सोहना का भारी वाहन गुजरता है।