किसी का जन्मदिन अगर पुलिस की हिरासत में हो तो पछतावे के आंसू निकल ही आते हैं। पछतावा गलती का, गुनाह का। देश को कुश्ती में बुलंदियों तक पहुंचाने वाला विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों में तीन बार का स्वर्ण पदक विजेता सुशील कुमार अपने जन्मदिन पर क्राइम ब्रांच के दफ्तर में फकक-फकक रो पड़ा।
उसकी ज़िंदगी का ऐसा पहला जन्मदिन था जब कोई उसके पास नहीं था परिवार की तरफ से। उसके जन्मदिन पर उसके साथ न तो परिवार का कोई सदस्य था और न ही कोई नाते-रिश्तेदार। सुबह से शुरू होने वाला शुभकामनाओं का वह पुराना दौर नहीं था। इस बार उसके पास महज कुछ मिनटों के लिए उसका भाई ही उपस्थित हो सका।
26 मई को सुशिल का जन्मदिन था, अगर वो घर पर होता तो शायद ये दिन उनके जीवन के सुनहरे दिवस में से एक होता, लेकिन नहीं। उसका पूरा दिन उनका क्राइम ब्रांच के दफ्तर में सवालों का जवाब देते हुए गुजरा, इस दौरान वो कई बार फफक-फफक कर रोया भी। अपने जन्मदिन के अवसर पर क्राइम ब्रांच की हिरासत में सुशील की आंखें नम थीं। चेहरा उदास था और सुबह से ही वह परेशान लग रहा था।
काफी परेशान था सुशिल। उसके फैंस भी क्राइम ब्रांच के दफ्तर में आये थे लेकिन पुलिस ने सुशिल को किसी से मिलने नहीं दिया। वह न तो कुछ ठीक से खा रहा था, न ही ठीक से बातें कर रहा था। उसका परेशान होना भी लाजिमी था। सुशिल की पत्नी सावी सतपाल बहुत सुंदर, सुशील और सुलझी हुई महिला कही जाती हैं। सावी, साल 1982 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके पहलवान महाबली सतपाल, की पुत्री हैं और सतपाल ही कुमार के गुरु रहे हैं।
अर्श से फर्श पर सुशिल इन दिनों आ गया है। बुलंदियों को छूने वाला तोलियें में मुँह छुपा रहा था। सुशिल की पत्नी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘शादी से पहले मैं और सुशील मिले नहीं थे और ना ही हमारे बीच में कोई बातचीत हुई थी।