सरकार की स्मार्ट मीटर योजना ठंडे बस्ते में, लोगों को अब इस वर्ष तक मिल पाएगी इसकी सुविधा

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बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए शुरू की गई स्मार्ट मीटर योजना ठंडे बस्ते में जाती हुई नजर आ रही है। जहां योजना को लेकर सरकार की कहीं गंभीरता नहीं दिख रही, वहीं हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन द्वारा इस मामले में संज्ञान लिया जा चुका है।

जुलाई, 2020 में पूरे होने वाली स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन की इस योजना में अभी करीब 25 फीसदी ही मीटर लग पाए हैं। जुलाई, 2018 में ईएसएसएल कंपनी के साथ सरकार ने 2020 तक 10 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का एमओयू किया था। यह मीटर गुड़गांव, करनाल, पानीपत और पंचकूला में लगने हैं।

सरकार की स्मार्ट मीटर योजना ठंडे बस्ते में, लोगों को अब इस वर्ष तक मिल पाएगी इसकी सुविधा

परंतु हाल यह है कि एक मई तक प्रदेश में सिर्फ 2.63 लाख स्मार्ट मीटर इंस्टॉल हो पाए हैं। जबकि मई में 5700 और लगने की संभावना जताई गई। 1600 करोड़ रुपए की इस योजना से आम उपभोक्ता को जहां 5 फीसदी बिल में छूट मिलनी है। लेकिन योजना की लेटलतीफी से अभी उपभोक्ता इस सुविधा से दूर हैं।

कुल राशि में केंद्र 780 तो राज्य सरकार का 820 करोड़ रुपए खर्च होना है। कमीशन ने कहा कि कंपनी बार-बार जो बातें कह रही है, उसके अनुसार प्रोग्रेस नहीं हो रही है। अब इस मामले में अगले माह फिर समीक्षा होगी और जुलाई में सुनवाई की जाएगी। कंपनी द्वारा ये स्मार्ट मीटर करनाल, पंचकूला, पानीपत और गुड़गांव जिले में लगाए जाने हैं।

उपभोक्ता अपनी मर्जी से बिजली का इस्तेमाल कर सकेगा। मीटर से बिजली खर्च की जानकारी मिलती रहेगी। मोबाइल रिचार्ज की तरह बिजली मीटर रिचार्ज होगा। उसे बिल में 5 प्रतिशत की छूट भी मिलेगी। मोबाइल से भी उपभोक्ता मीटर की मॉनिटरिंग कर सकेगा।

सरकार की स्मार्ट मीटर योजना ठंडे बस्ते में, लोगों को अब इस वर्ष तक मिल पाएगी इसकी सुविधा

एचईआरसी में चल रही सुनवाई के दौरान कंपनी से अप्रैल में 12 हजार और मई में 24 हजार मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कमीशन में हुई सुनवाई के दौरान कंपनी के प्रतिनिधि यह भी नहीं बता पाए कि इन दो माह में कितने मीटर इंस्टॉल हुए हैं।