अगर किसी बच्चे को छोटी सी चोट भी लग जाती है, तो उसके परिजन काफी परेशान हो जाते हैं। लेकिन अगर उसी बच्चे को कोई गंभीर बीमारी हो जाती है, तो हम और आप सोच भी नहीं सकते कि उनके परिजनों पर क्या बीतेगी। क्योंकि कहा जा रहा है महामारी की जो तीसरी लहरा है वह सिर्फ बच्चों पर ही अटैक करेगी।
इसलिए परिजनों को पहले से ही अपने बच्चे को इस बीमारी की लहर से पूरी तरह से सुरक्षित रखना होगा। इसके लिए उनको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
जिससे कि अगर उनके बच्चों में यह लक्षण दिखाई देते हैं, तो वह तुरंत डॉक्टर से जाकर ले सकते हैं और उसका उपचार समय रहते करवा सकते हैं।
महामारी की दूसरी लहर से तो लोगों ने अपने आप को बाहर निकाल लिया है। लेकिन जो तीसरी लहर शहर में आने वाली है उससे बच्चों को कैसे बचा सकते हैं। ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ एके पांडे ने बताया कि महामारी की जो तीसरी लहर है वह बच्चों पर असर करेगी। इसीलिए परिजनों को इस को लेकर पहले से ही सावधानी बरतनी होगी।
उन्होंने बताया कि अगर कोई बच्चा महामारी से संक्रमित होने के बाद ठीक हो जाते है और उसके 20 से 25 दिनों के बाद उसको लूज मोशन, शरीर पर लाल दाने, भूख ना लगना, सर में दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं। तो वह इसको नजर अंदाज ना करें। बल्कि तुरंत डॉक्टर से या फिर यूं कहें बाल रोग विशेषज्ञ बताए जा रहे हैं।
डॉ एके पांडे ने बताया कि अगर महामारी की तीसरी लहर किसी बच्चे को अपनी चपेट में लेती है। तो वह बच्चों के तीन मुख्य अंगो पर अपना असर दिखाएगी। जोकि लंग, हार्ट और लीवर है। इसलिए अगर कोई बच्चा बुखार व अन्य किसी भी लक्षण से ग्रस्त होता है, तो वह तुरंत उसका उपचार बाल रोग विशेषज्ञ से करवाए।
परिजनों का कहना होता है कि बच्चे को छोटी सी बीमारी है। इसका उपचार बड़े डॉक्टर की बजाय आस पड़ोस में बने छोटे क्लीनिक से ही करवा ले। लेकिन ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बच्चे को सही उपचार सही समय पर मिलने से महामारी से जल्द ठीक हो जाएगा।