देशभर में अब यह सोच समाप्त होने लगी है कि खेती – बाड़ी बस नुकसान का सौदा है। यह एक पॉजिटिव बात है। वर्तमान में अनेकों युवा खेती की तरफ अपना रुझान दिखा रहे हैं। आज अनेकों लोग खेती कर अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं। हालांकि खेती करना इतना आसान नहीं है लेकिन फिर भी आज अनेकों लोग इसी क्षेत्र में अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। ऐसे ही बिलासपुर के सचिन काले ने भी खेतीबाड़ी में अपनी किस्मत को आजमाया और इसमें सफलता मिली।
जब मन कुछ और करना चाहता है तो उसी की तरफ आपका दिमाग भी दौड़ता है। आज सचिन अनेकों लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुके हैं। खेतीबाड़ी में सचिन नए मुकामों को हासिल कर चुके हैं।
पिछले दशकों किसानों अपनी फसल बहुत कम कीमत में बेचनी पड़ती थी। जिससे उन्हें अपने रोजमर्रा के जीवन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब स्थिति में काफी बदलाव आया है। सचिन बिलासपुर के रहने वाले हैं और अब वह खेतीबाड़ी का काम करते हैं। आज खेतीबाड़ी के काम से सचिन काले ने सफलता की ऊंचाइयों को हासिल कर लिया है। लेकिन इसके पीछे सचिन की भी कड़ी मेहनत है चूंकि खेती करना लोहे के चने चबाने जैसा है।
आज खेती कारोबार का रूप ले चुकी है। छोटे किसान भी अपनी कम जोत से अच्छी कमाई कर रहे हैं। अपनी कड़ी मेहनत से सचिन ने अपना और अपने परिवार का नाम रोशन कर दिया है। आज सचिन अनेकों युवाओं को भी प्रेरित कर रहे हैं। सचिन पढ़ाई पूरी करने के बाद नागपुर चले आए। सचिन कॉर्पोरेट सेक्टर में 24 लाख रूपये सालाना वेतन पर काम करने लगे।
अब वह खेती कर रहे हैं और करोड़ों कमा रहे हैं। आपका हौसला सबसे बड़ी तलवार है आपकी। आप अगर कुछ ठान लें तो सबकुछ हासिल कर सकते हैं। खेती में मोटा मुनाफा किसान कमाने लगे हैं।