गर्मियों का आगाज होते ही जिले में पानी की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। शहर के अलग- अलग हिस्सों से पीने के पानी की किल्लत की खबरें सामने आती है। निगम के तैयारियों के बावजूद भी पानी की समस्या का कोई ठोस समाधान नही हो पाया है ऐसा ही एक इन दिनों नवादा गांव से देखने को मिल रहा है जहां करीब चार दिन से पानी आया है जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय निवासी कविता ने बताया कि यहां करीब चार दिनों से पानी नही आया है। पार्षद तथा अधिकारियों से शिकायत के बावजूद भी समस्या का समाधान नही हो पा रहा है। पानी ना आने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया कि पानी ना आने के कारण टैंकरों से पानी ख़रीदा जा रहा है। एक तरफ गर्मी और ऊपर से पानी की समस्या से काफी परेशानी बढ़ गई है।
स्थानीय निवासी पूनम ने बताया कि पानी की समस्या से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पिछले चार दिनों से यहाँ पानी की समस्या बनी हुई है, प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नही है।
गौरतलब है कि शहर में करीब 60 एमएलडी पानी की कमी प्रतिदिन झेलनी पड़ती है। नगर निगम मानकों के मुताबिक रिहायशी इलाकों में करीब 135 लीटर पानी प्रतिव्यक्ति आपूर्ति किया जाना चाहिए।
ऐसे में 20 लाख की आबादी वाली स्मार्ट सिटी में करीब 270 एमएलडी पानी प्रतिदिन रिहायशी इलाकों में चाहिए। जबकि करीब 90 एमएलडी पानी औद्योगिक इकाईयों, पार्को, निर्माण कार्यों और अन्य वाणिज्यिक संस्थानों में खपत हो जाता है। ऐसे में 360 एमएलडी पानी प्रतिदिन चाहिए जबकि करीब 300 एमएलडी पानी का इंतजाम बामुश्किल हो पाता है।
पेयजल आपूर्ति के लिए छह रेनीवेल परियोजना यमुना किनारे हैं। जहां से करीब 180 एमएलडी पानी प्रतिदिन आपूर्ति होता है। इसके अलावा शहर के विभिन्न इलाकों में करीब 1600 टयूबवेल लगे हैं जो करीब 100 एमएलडी पानी की आपूर्ति को पूरा करती हैं। जबकि करीब 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति निजी नलकूपों से होती है।