Categories: Government

एनसीआर बोर्डर सील कर एनसीआर कॉन्सेप्ट का मजाक बना रही सरकारे, सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

को रोना महामारी के निरंतर बढ़ते मामलों के चलते बार-बार हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डर को सील किए जाने के कारण एनसीआर कांसेप्ट को बड़ा झटका लग रहा है। जिस कारण एनसीआर कॉन्सेप्ट का मुख्य उद्देश्य पूरी तरह फेल होता हुआ नजर आ रहा है।

लॉक डाउन के बीते 60 दिनों के बीच दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा एवं गाजियाबाद और हरियाणा के फरीदाबाद गुरुग्राम बॉर्डर को कई बार सील किया जा चुका है। वहीं 1 जून से 8 जून तक दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा भी दिल्ली बॉर्डर सील करने के आदेश जारी किए गए है।

एनसीआर बोर्डर सील कर एनसीआर कॉन्सेप्ट का मजाक बना रही सरकारे, सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान

तीनों राज्यों की सरकारों द्वारा बिना सोचे समझे थोड़े थोड़े समय अंतराल में दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों से सटे बॉर्डर को खोले और बन्द किए जाने के कारण एनसीआर के प्रारूप पर पलीता लगता हुआ नजर आ रहा है।

क्या है एनसीआर कॉन्सेप्ट :-

सन 1985 में एनसीआर प्लैनिंग बोर्ड एक्ट बनाया गया जिसका उद्देश्य था कि दिल्ली में निरंतर बढ़ रही आबादी के बोझ को कम किया जा सके। इसके लिए योजना तैयार की गई कि दिल्ली में स्थित बड़ी कंपनियों के दफ्तरों को आसपास के क्षेत्रों में शिफ्ट किया जाएगा।

साथ ही योजना तैयार की गई कि आसपास के क्षेत्रों को भी दिल्ली की भांति विकसित किया जाए ताकि दिल्ली में रोजगार एवं जीवन यापन करने के लिए आने वाले लोग आसपास के क्षेत्रों में भी रह सके। इस योजना के तहत ही गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद शहरों में विकास की रफ्तार तेज हुई।

कैसे एनसीआर कॉन्सेप्ट का उड़ाया जा रहा है मजाक:-

कोरोना महामारी के बीच दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राजधानी से सटे बॉर्डर को बार-बार खोले और बंद किए जाने के आदेश दिए जा रहे हैं जिस कारण रोजगार के लिए इन एनसीआर से दिल्ली एवं दिल्ली से एनसीआर के क्षेत्रों में जाने वाले लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

यदि उदाहरण फरीदाबाद का लिया जाए तो फरीदाबाद को इंडस्ट्रियल हब माना जाता है और रोजाना दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग फरीदाबाद अपने रोजगार के लिए आते हैं और फरीदाबाद से भी हजारों की संख्या में लोग दिल्ली गुरुग्राम एवं आसपास के अन्य क्षेत्रों में जाते हैं।

लेकिन प्रशासकों द्वारा समय-समय पर बॉर्डर खोलें और बंद किए जाने के आदेश के अनुसार एक दूसरे से सटे इन क्षेत्रों के बॉर्डर 2 देशों के बॉर्डर की तरह बन चुके हैं और तीनों राज्यों के प्रशासकों की आपस में एक राय ना होने के कारण इन क्षेत्रों की जनता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान:-


दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इतने कम समय में बार-बार दिल्ली से सटे क्षेत्रों के बॉर्डर को खोलें और बंद किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए तीनों राज्यों की सरकारों को 1 हफ्ते में एक मत राय बना कर सीमाओं को लेकर जवाब मांगा है। ताकि बार-बार बोर्डर सील किए जाने के कारण रोजाना आवाजाही करने वाले लोगों को आ रही समस्या का समाधान निकल सके।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

2 days ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

2 months ago

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में दिन…

2 months ago