प्रकृति हमें बहुत कुछ देती है लेकिन हम उसे हमेशा घाव ही देते आये हैं। इस धरती पर इतने किस्म के फूल और फल मिलते है। जिनका अंदाला लगाना मुश्किल है। अभी तक हमने अंगूरों के छोटे दानों को ही देखा होगा। लेकिन विजय के बागान में ऐसे अंगूर है। जिनकी लंबाई औसत अंगूर से तीन गुणा अधिक है। कहा जाता है, प्रकृति से बड़ा कोई जादूगर नहीं। ऐसा ही एक प्राकृतिक चमत्कार, किसान विजय देसाई के अंगूर के बागान में देखने को मिला।
इनके अंगूरों में एक अलग ही स्वाद है। जो भी इसे खाता है वह खो जाता है। महाराष्ट्र में सांगली के रहने वाले विजय, पिछले 28 साल से अंगूर की खेती से जुड़े हैं। वह अपने बागान में अंगूर की कई किस्में उगाते हैं। लेकिन, साल 2013 में उनके बागानों में एक नई किस्म के अंगूर लगे।
उनका हमेशा से ही कुछ अलग करने का सपना था। इतने लम्बे अंगूर ऊगा कर उन्होंने कमाल किया है। एक दिन, विजय हमेशा की तरह ही अंगूरों की देख-रेख के लिए बागान में घूम रहे थे। तभी उनकी नज़र, बिल्कुल अलग से दिखने वाले अंगूर के एक गुच्छे पर पड़ी। अपनी लंबाई की वजह से यह गुच्छा, बाकि सब से अलग दिखाई दे रहा था। विजय तुरंत ही इसका कारण जानने में लग गए।
जब उन्होंने उसे देखा तो वह हैरान रह गए। उन्हें भरोसा नहीं हो रहा था। उन्हें लगा कि कहीं इस पौधे में कोई दिक्कत तो नहीं? लेकिन, शुरुआती जाँच के बाद पता चला कि अंगूर की यह बेल, बाकी बेलों जैसी सामान्य ही है। लेकिन, इसमें उगे अंगूर एक नयी किस्म के हैं। विजय बताते हैं, “मैंने 1993 से अंगूर की मानिकचंद, थमसल, तास गणेश जैसी कई किस्में अपने बागान में उगाई हैं। लेकिन, मैंने अंगूरों की इतनी लंबाई पहले कभी नहीं देखी थी।
उनके खेत में हुआ यह चमत्कार आज कई लोगों को मीठा स्वाद दे रहा है। इस अंगूर में अलग ही मीठापन होता है। इसका रस काफी स्वाद होता है। दूर – दूर से लोग इसे खरीदने आते हैं।