फरीदाबाद : जिला मजिस्ट्रेट यशपाल ने खोरी गांव में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अवैध निर्माण हटाए जाने के दौरान किसी भी तरह के तनाव, जनहानि व दंगे की आशंका, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की आशंका के मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
अपने आदेशों में जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि अवैध निर्माण हटाए जाने के दौरान किसी भी तरह के तनाव की आशंका, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की आशंका को देखते हुए खोरी गांव के 200 मीटर के दायरे में 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई जाती है।
इसके अलावा किसी भी तरह का आग्नेय अस्त्र, लाठी, जेली, चाकू, तलवार, गंडासा अथवा किसी भी तरह का हथियार लेकर जाने पर भी पाबंदी होगी। जिला मजिस्ट्रेट ने अपने आदेशों में कहा कि यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों अथवा पुलिसकर्मियों पर लागू नहीं होंगे।
प्रशासन ने क्यों लगाई धारा 144
आपको बता दे कि वन विभाग की जमीन पर कब्जा हटाया जाना था अतिक्रमण हटाने के दौरान विरोध किया जा सकता है और इस विरोध का बड़ा रूप होने की संभावना है तथा इस विरोध का कुछ बदमाश फायदा भी उठा सकते हैं अशांति पैदा करने की स्थिति जो कानून व्यवस्था को भंग कर सकती है
जिलाधिकारी यशपाल यादव का कहना है कि पुलिसकर्मियों सहित ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों के प्रवेश से खोरी में अतिक्रमण को सुचारू रूप से हटाने किसी हथियार को अंदर लेकर जाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है
इसलिए फरीदाबाद जिले के खोरी गांव में 200 मीटर के दायरे में 5 या 5 से अधिक व्यक्तियों को एक साथ खड़े होने की इजाजत नहीं है क्योंकि इससे अतिक्रमण को हटाने में परेशानी हो सकती है यदि बात की जाए कानूनी रूप से नियोजित व्यक्तियों की तो उनको भी चोट से बचाने , संपत्ति को किसी भी तरह के खतरे से रोकने के लिए दंगों को रोकने के लिए इन निर्देशों का पालन करना होगा
यदि किसी भी प्रकार के निदेर्शों की अनुपालना नही की जाती है तो वह व्यक्ति दंड का अधिकारी होगा । यशपाल यादव ने कहा कि 5 या उससे अधिक व्यक्तियों को घटा होने हथियार ले जाने पर रोक लगाने के लिए भी ग्राम खोरी भी मैं 200 मीटर क्षेत्र में कार्य पूर्ण होने तक तलवार गढ़साना टीबची कुल्हाड़ी और अन्य हत्यार जो अपराधिक वारदातों को अंजाम देने में काम आते हैं उन पर रोक लगाई गई है