नगर निगम में अब सभी कामों का ऑडिट शुरू हो गया है। राज्य सरकार के आग्रह पर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) ने ऑडिट शुरू कर दिया है। मंगलवार को दो अधिकारियों की टीम नगर निगम मुख्यालय पहुंची और विभिन्न विकास कार्यों की डिटेल मांगी।
इन्होंने निगम अधिकारियों से खोरी कॉलोनी में बनी सड़कें, बिजली-पानी की सुविधा के बारे में भी जानकारी ली। टीम ने अधिकारियों से पूछा कि क्या नगर निगम वहां ये सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। पता चला है प्रारंभिक ऑडिट में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं।
दरअसल, नगर निगम के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर काफी हेराफेरी देखने को मिल रही है। हाल ही में निगम में हुए घोटालों को लेकर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने ऑडिट कराने का आग्रह किया है। निगम सदन की बैठक से लेकर विधानसभा के पटल तक गड़बड़ियों के मुद्दे उठते रहते हैं। इससे राज्य सरकार को भी जवाब देने पड़ते हैं और सरकार की बदनामी भी होती है।
सूत्रों के अनुसार मंगलवार को कैग की टीम एनआईटी जोन के ज्वांइट कमिश्नर प्रशांत अटकान से मुलाकात कर उनसे खोरी कालोनी के बारे में भी चर्चा की। टीम ने पूछा कि कॉलोनी में नगर निगम के बजट से विकास कार्य हुए हैं या नहीं। क्योंकि खोरी में कई जगह बिजली के खंभे लगाकर बिजली दी गई है। कई जगह सड़कें और टाइल्स भी लगी हैं।
निगम सूत्रों ने बताया कि कैग की टीम ने अकाउंट और इंजीनियरिंग ब्रांच की सभी फाइलों को मंगवा कर उनका ऑडिट शुरू कर दिया है। इस दौरान टीम के सामने एक बात सामने आई कि अधिकारियों ने बजट का अभाव होने के बाद भी कार्यों को मंजूरी दी है।
माना जा रहा है कैग की टीम विभिन्न वार्डों में विकास कार्यों के नाम पर हुए 200 करोड़ की गड़बड़ी का भी ऑडिट कर सकती है।
ठेकेदारों को किस प्रकार पेमेंट का भुगतान किया गया। उसकी भी जांच हो सकती है। ऑडिट होने के बाद कई गड़बड़ियां सामने आएंगी। उधर फाइनेंस कंट्रोलर विजय धमीजा का कहना है कि कैग की टीम जो फाइलें मांग रही है उसे उपलब्ध कराया जा रहा है।