हरियाणा : प्रदेश के मुख्यमंत्री हो या गृहमंत्री दोनों ने अब किसानो के लिए सख्त रवैया अपना लिया है. साथ ही इस पर छोटे सरकार ( दुष्यंत चौटाला ) के तेवर भी तल्ख़ हो गए है उन्होंने किसानं आंदोलन की वैधता और जरूरत पर सवाल खड़े किये है, छोटे सरकार ने कहा की यह आंदोलन अब किसानो का नहीं रह गया है यह एक राजनीतिक मुखौटा पहन चुका है इस आंदोलन को चलाने वालो को किसानो से कोई लेना देंना नहीं है, वो बस अपनी रोटियां सेक रहे है।
इसके बाद उन्होंने कहा की उनका काम केवल भजपा और जजपा सरकार का विरोध करना है इसको लेकर किसानो को मोहरा बनाया जा रहा है जिन तीन कृषि कानून का विरोध करने के लिए पहले उसको जाने और समझे की इसमें विरोध करने जैसे कुछ नहीं है। यह कानून आपके हित में ध्यान रखकर ही बनाया गया है ।
उपमुख़्यमंत्री ने दो अलग अलग विभागीय की बैठकों में मिडिया के सवालो का जवाब देते हुए कहा की ” मैं भी किसान हूँ ” मुझे उनका दर्द समझ आता है किसान बस आंदोलनकरियो का एक जरिया है सरकार पर सवाल खड़े करने के लिए,
केंद्र सरकार जत्थेबंदियों से बार बार वार्ता की कोशिश कर रही है लेकिन सारी कोशिश विफल हो जाती है उनका मन शायद बात करके हल निकालने का नहीं है बल्कि माहौल को बिगाड़ने का है सरकार पर सवाल खड़े कर रह रहे हैं
आंदोलनकारियो की पूरी मंशा सरकार का विरोध करने की है दुष्यंत का कहना है इस आंदोलन को राजनितिक लोग चला रहे है लोग इन लोगो का साथ दे रहे है यह किसानो के लिए हितकारी नहीं है जो लोग इस समय किसान नेता के नाम पर उनके समर्थन की बात कर रहे है वो लोग सत्ता के भूखे है चुनाव लड़ना चाहते है राजनैतिक रूप लेता किसान आंदोलन पूरी तरह से किसानो को नुकसान पहुंचा रहा है किसानो को उनकी मंशा समझनी होगी
इस बात हरियाणा के गृह मंत्री का कहना है आंदोलन करने वाले आंदोलन के नाम पर कानून तोड़ेगा तो वह किसी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा । बता दें कि किसान संगठनों से जुड़े लोग कई बार दुष्यंत के घेराव की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में झज्जर में भाजपा कार्यालय की नींव उखाड़ दी थी, जिसके बाद अनिल विज ने कहा कि वहां किसी सूरत में भाजपा कार्यालय के बजाय किसान भवन नहीं बनने दिया जाएगा और ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।