ट्री मैन के नाम से प्रसिद्ध विष्णु लांबा को कौन नहीं जानता। उनकी लगन पेड़ – पौधों से शुरू होती है और उन्हीं पर खत्म होती है। ये कहते तो सब हैं कि पेड़ काटने की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है और इस वजह से काफी दिक्कतें भी हो रही हैं। लेकिन, बहुत ही कम लोग होते हैं, जीवन में लगातार पौधे रहते हैं और इस पर्यावरण के लिए अपनी ओर कुछ योगदान करते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने कम होती हरियाली को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
पूरी दुनिया आज पर्यावरण संकट के दौर से गुजर रही है। विष्णु लांबा बिना किसी स्वार्थ के पौधारोपण का काम कर रहे हैं और अभी तक लाखों पेड़ लगा चुके हैं और उनकी टीम ने मिलकर करोड़ों पेड़ों को बचाने का काम किया है।
सरकार की अनदेखी और लोगों में जागरुकता की कमी के कारण पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से पर्यावरण संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। विष्णु लांबा ने पर्यावरण के लिए काम करने के लिए ना सिर्फ अपना घर छोड़ दिया, बल्कि वो पिछले 25 सालों से प्रकृति को भगवान मानकर उसकी सेवा कर रहे हैं। विष्णु लांबा के पर्यावरण के प्रति काम को देखकर उन्हें लोग ट्रीमैन ऑफ इंडिया के नाम से जानते हैं।
पशु-पक्षियों और जल की उपलब्धता पर भी संकट गहराता जा रहा है। इन सबके बावजूद इन्होनें पर्यावरण की रक्षा के लिए ना सिर्फ पिता का घर बार छोड़ दिया, बल्कि वह पिछले 27 सालों से प्रकृति को परमात्मा मानकर उसकी हिफाजत में जुटा है। विष्णु लांबा बिना सरकारी सहयोग के अब तक करीब साढ़े आठ लाख पेड़ लगा चुके हैं और उन्होंने अपनी जान पर खेलकर करीब 13 लाख पेड़ों को बचाया है और 11 लाख से ज्यादा पौधे बांट भी चुके हैं।
विष्णु लांबा के अथक प्रयासों से आज समाज में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है। विष्णु लांबा ने राजस्थान के टोंक में एक छोटे से गांव अपने इस काम की शुरुआत की थी और अब उनकी मुहिम से देश के 22 राज्यों के लाखों युवा जुड़ चुके हैं।