एक कहावत है कि बुरे समय की सबसे अच्छी बात यह है कि वह भी कट जाता है। बुरे समय में कभी हार नहीं माननी चाहिए। एक समय गरीबी में ऑटो रिक्शा चलाने वाला यह शख्स 7 साल में अपनी मेहनत के बल पर न केवल करोड़पति बन गया, बल्कि उसने 4 गाड़ियों की नंबर प्लेट के लिए 40 लाख रुपये खर्च कर दिए। यह किसी फिल्मी कहानी लगती हो, लेकिन हकीकत है, जिसके चलते पिंक सिटी जयपुर का यह शख्स शहर के अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल हो गया है।
आज अपनी सफलता को उन्होंने अपने तक सिमित नहीं रखा है। कई को रोजगार भी दे रहे हैं। 37 साल के इस शख्स का नाम है राहुल तनेजा। बचपन में राहुल का जीवन काफी दुशवारियों में गुजरा। राहुल के पिता जीवन यापन करने के लिए गाड़ियों के पंक्चर को सही करते थे। इसके बाद वो शहर में टेम्पो चलाने लगे। हालांकि राहुल ने 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया। उसने अपना खर्चा चलाने के लिए मकर संक्रांति के वक्त पतंग बेची, रक्षाबंधन पर राखियां, दिवाली पर पटाखे व होली पर रंगों को गली-गली में बेचा करता था।
लगन से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। इसका उदाहरण हैं राहुल। दिन में ढाबे पर नौकरी की और रात को ऑटो चलाया। आमदनी बढ़ाने के लिए उसने रात के वक्त 9 से 12 बजे तक ऑटो चलाना शुरू कर दिया। वो इसलिए क्योंकि उसके पास लाइसेंस नहीं था, पुलिस द्वारा बचने के लिए उसने ऐसा किया। राहुल ने कहा कि जब तक उसने रात में ऑटो चलाया, तब तक वो कभी भी पुलिस की पकड़ में नहीं आया।
कड़ी मेहनत के दम पर इन्होनें यह मुकाम हासिल किया है। राहुल तनेजा की फैमिली सीहोर, मध्यप्रदेश की है। राहुल अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। राहुल ने खुद बताया कि एक दिन उनकी पर्सनालिटी देखकर मोहल्ले के कुछ लड़कों ने मॉडलिंग की सलाह दी। मॉडलिंग में मिस्टर जयपुर, मिस्टर राजस्थान और मेल ऑफ दी ईयर के टाइटल जीते। इसके बाद उन्हें लगातार शो मिलते चले गए। बाद में इवेंट किए। अब वे वेडिंग्स के इवेंट्स कर रहे हैं।
किस्मत उस ऊंट की तरह है, जिसे देख कर आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि वह किस करवट बैठेगा। राहुल का शुरू से ही एक नंबर से खास लगाव है। उनके मोबाइल और लैंड लाइन के अंतिम सात नंबर और कारों के नंबर भी एक ही हैं। इसी वजह से राहुल की चारों गाड़ियों के नंबर भी 1 है। राहुल का कहना है कि उसे 1 नंबर से खासा लगाव है और उसे जिंदगी में नंबर एक पर ही रहना है।