किसान आंदोलन में भाग लेने वाले एक व्यक्ति को शहीद होने का हवाला देते हुए आग के हवाले कर दिया गया। यह पूरी घटना बहादुरगढ़ के बाईपास पर गांव का कसार के निकट की हैं, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल एक व्यक्ति जिसे तेल छिड़ककर यह कह कर आग लगा दी गई, कि वह किसान आंदोलन में खुद को शहीद कर सकता है। ऐसे में गंभीर रूप से झुलसे व्यक्तियों को जब कुछ अस्पताल ले जाया गया तो वहां कुछ घंटे बाद ही उसे डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया।
जानकारी के मुताबिक आंदोलन में शहीद होने का नाम देकर कसार निवासी मुकेश पर तेल छिड़का गया और फिर आग लगाई गई। इससे पहले उसे शराब भी पिलाई गई। मृतक के भाई के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हत्यारोपी अभी फरार है। पुलिस का दावा है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हत्या के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल पाया है।
पुलिस को दी शिकायत में गांव कसार निवासी मदन लाल पुत्र जगदीश ने बताया कि उसका भाई मुकेश बुधवार शाम घर से घूमने के लिए निकला था और गांव के साथ ही बैठे किसान आन्दोलनकारियों के पास पहुंच गया। उन्हें टेलीफोन से पता चला कि आपके भाई पर आन्दोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़ककर आग लगा दी। वह तुरंत अपने गांव के पूर्व सरपंच टोनी को लेकर मौके पर पहुंचा तो देखा भाई मुकेश गंभीर रूप से झुलसा हुआ था। उसे तुरंत सिविल अस्पताल लेकर आए।
वहां उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में एक व्यक्ति ने जिसका नाम कृष्ण है और सफेद कपड़े पहने हुए था, उसने पहले मुकेश को शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह झुलस गया। सिविल अस्पताल में गंभीर रूप से झुलसे मुकेश को चिकित्सकों ने रेफर कर दिया, मगर परिजन उसे ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए जहां उपचार के दौरान रात को ही उसकी मौत हो गई।
ग्रामीण डीसी व एसपी काे माैके पर बुलाने की मांग का रहे थे। ग्रामीणों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर गांव में सुरक्षा बढ़ाने की मांग के साथ किसानों की झोपड़ियों को गांव से 4 किलोमीटर दूर ले जाने की मांग की। मृतक परिवार से किसी एक को सरकारी नौकरी व बेटे की शिक्षा के साथ आर्थिक सहायता व परिवार को सुरक्षा दिलाने की मांग की गई। डीसी श्याम लाल पुनिया ने मांगें सरकार तक पहुंचा देंगें।
इस मौके पर पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा कि बहादुरगढ़ में उद्योग धंधों व व्यापार को मिट्टी में मिलाने वाले बहादुरगढ़ के युवाओं को मुफ्त शराब व नशे की गिरफ्त में डाल वाले आंदोलनकारियों के बीच में बैठे असामाजिक तत्वों को पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। बाहरी आंदोलनकारी तुरंत प्रभाव से बहादुरगढ़ को छोड़ दे