Homeहुनर बोलता है : सब्जीमंडी में सब्ज़ी बेचती थीं आज इंटरनेशनल आर्टिस्ट...

हुनर बोलता है : सब्जीमंडी में सब्ज़ी बेचती थीं आज इंटरनेशनल आर्टिस्ट बन गयी हैं, करोड़ो कमा रही हैं

Published on

हुनर एक ऐसी चीज़ है जो किसी भी इंसान को निराश नहीं होने देती है। बेहद गरीब परिवार में जन्म लेने वाली शकीला शेख की मां सब्जी बेचकर गुजारा करती थी। शकिला के पिता जब वह दो साल की थी तभी घर छोडक़र चले गए थे। ऐसा गए कि वापस मुडक़र नहीं आए। शकिला आज एक अंतरराष्ट्रीय कलाकार हैं। आर्थिक तंगी और पिता का सहारा नहीं होने की वजह से मां ने उन्हें काफी मशक्कत से पाला।

आपके हौसले बुलंद हो और अगर आप में हुनर हो उसके दम पर कुछ कर गुज़र जाने का जज़्बा है, तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती। कोलकाता की शकीला ने अपनी मां के संघर्ष को व्यर्थ नहीं जाने दिया।

हुनर बोलता है : सब्जीमंडी में सब्ज़ी बेचती थीं आज इंटरनेशनल आर्टिस्ट बन गयी हैं, करोड़ो कमा रही हैं

इन्हें अपने हुनर पर पूरा भरोसा था। जबतक आप खुद में भरोसा नहीं रखते तब तक आप कुछ हासिल नहीं कर सकते। साल 1973 में जन्म लेने वाली शकीला अपने परिवार में छह भाई बहनों में सबसे छोटी थी। अभी एक साल की उम्र भी पूरी नहीं हुई थी, उनके पिता छोडक़र चले गए। इसके बाद वह कभी वापस लौटकर नहीं आए। पति के इस तरह से चले जाने के कारण शकीला की मां जहरेज बीबी पर जिम्मेदारियों का पहाड़ टूट पड़ा।

हुनर बोलता है : सब्जीमंडी में सब्ज़ी बेचती थीं आज इंटरनेशनल आर्टिस्ट बन गयी हैं, करोड़ो कमा रही हैं

वह बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। आज उनके पास पैसे की कोई कमी नहीं। बच्चों की परवरिश और उनका पेट पालने की जिम्मेदारी भी शकीला पर आ गई। शकीला की मां ने घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए सब्जी की दुकान लगानी शुरू कर दी। परिवार काफी बड़ा था। ऐसे में उनकी जरूरतों को पूरा करना मुश्किल था। आर्थिक तंगी ऐसी आ गई कि वह दिन भी आ जाता जब घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं होता था। मां अपने बच्चों का पेट भरने क लिए 40 किलोमीटर का सफर तय करके मोग्राघाट से कोलकाता जाती थी। इतनी मेहनत के बावजूद परिवार के लिए पैसे नहीं जुटा पाती थी।

हुनर बोलता है : सब्जीमंडी में सब्ज़ी बेचती थीं आज इंटरनेशनल आर्टिस्ट बन गयी हैं, करोड़ो कमा रही हैं

जिसने संघर्ष देखा है वह सफलता भी ज़रूर देखता है बस खुद पर से यकीन नहीं हटना चाहिए। शकीला की पहली पेंटिंग 70 हजार में बिकी। इसके बाद तो उन्होंने पीछे मुडक़र नहीं देखा। उनकी पेंटिंग लगातार देश विदेश में बिकने लगी। शकिला इंटरनेशनल आर्टिस्ट के तौर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गई।

Latest articles

अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 78 वा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की 78 वीं वर्षगांठ पर "अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी" द्वारा आजादी के...

हरियाणवी छोरो ने विदेशी धरती पर किया भारत का नाम रोशन, हॉकी में आया मेडल

पेरिस ओलंपिक गेम्स में भारत अपना परचम लहराता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे...

फरीदाबाद विधानसभा 89 में नारकीय जीवन जी रहे है लोग : सुमित गौड़

कांग्रेसी नेता ने हनुमान नगर की गली में जाकर लिया समस्याओं का जायजाफरीदाबाद। ओल्ड...

बीजेपी और जेजेपी छोड़कर करीब 20 नेताओं ने भी थामा कांग्रेस का दामन

फर्जी सर्वे, प्रचारतंत्र और इवेंटबाजी की हवा से फुलाए गए बीजेपी के गुब्बारे की...

More like this

अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी ने मनाया 78 वा स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस की 78 वीं वर्षगांठ पर "अरुणाभा वेलफेयर सोसाइटी" द्वारा आजादी के...

हरियाणवी छोरो ने विदेशी धरती पर किया भारत का नाम रोशन, हॉकी में आया मेडल

पेरिस ओलंपिक गेम्स में भारत अपना परचम लहराता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे...

फरीदाबाद विधानसभा 89 में नारकीय जीवन जी रहे है लोग : सुमित गौड़

कांग्रेसी नेता ने हनुमान नगर की गली में जाकर लिया समस्याओं का जायजाफरीदाबाद। ओल्ड...