बदल गया हरियाणा में स्कूल जाने का समय, रोस्टर प्रणाली भी हुई समाप्त

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जैसे जैसे महामारी का संक्रमण कम हो रहा है हरियाणा सरकार अनलॉक की दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरकार ने शिक्षा को ट्रैक पर लाने का फैसला लिया है। जिसके तहत सरकार ने मंगलवार से सभी स्कूलों के समय में परिवर्तन करने के आदेश दिया हैं।

महामारी के कारण विद्यार्थियों का भविष्य बहुत ही प्रभावित हुआ है। इसी के मद्दे नज़र हरियाणा सरकार ने स्कूलों को खोलने के साथ–साथ उनके समय में भी बदलाव के आदेश जारी किए हैं। अब से सुबह 8:30 बजे से दोपहर बाद 12:30 बजे तक कक्षाएं लगेंगी।

बदल गया हरियाणा में स्कूल जाने का समय, रोस्टर प्रणाली भी हुई समाप्त

शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा, मौलिक शिक्षा, खंड शिक्षा, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखिया व प्रभारियों को पत्र लिखकर इस पर अमल करने को कहा। ये आदेश 22 जून से ही लागू माने जाएंगे।

बदल गया हरियाणा में स्कूल जाने का समय, रोस्टर प्रणाली भी हुई समाप्त

इसके अलावा सभी शिक्षकों को स्कूल के मुखिया के मार्गदर्शन में दाखिले एवं अन्य सभी कार्य स्कूल प्रबंधन समिति के सहयोग से किए जायेंगे। साथ ही यह निर्णय भी लिया गया कि अवसर मोबाइल ऐप, जियो टीवी मोबाइल ऐप व दिल्ली दूरदर्शन के ई–विद्या चैनल पर पहली से 12वीं कक्षा तक के प्रसारित होने वाले चैनल और एजुसेट पर कक्षा व विषयवार प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों का अवलोकन भी शिक्षक स्वयं करेंगे। इसके बाद वे अपनी कक्षा के विद्यार्थियों को विषयवार दिशा निर्देश देंगे।

बदल गया हरियाणा में स्कूल जाने का समय, रोस्टर प्रणाली भी हुई समाप्त

हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में लागू रोस्टर प्रणाली को भी समाप्त कर दिया है। अब सभी शैक्षणिक और गैर–शैक्षणिक कर्मचारियों को स्कूल आना पड़ेगा। दिव्यांग, गर्भवती महिला और गंभीर बीमारी से पीड़ित कर्मचारी को भी स्कूल आना होगा। सभी को स्कूल आने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाओं के अलावा स्कूलों में बच्चों का दाखिला प्रतिशत भी बढ़ाना होगा। इसके लिए सभी शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के गणमान्य लोगों व बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क करेंगे। उनसे आग्रह किया जाएगा कि वे अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला करवाएं।

बदल गया हरियाणा में स्कूल जाने का समय, रोस्टर प्रणाली भी हुई समाप्त

साथ ही सरकारी स्कूलों को छोड़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क किया जाएगा। जिससे यह पता चल सके कि बच्चे ने स्कूल छोड़ने के बाद कहीं और दाखिला लिया है या पढ़ाई छोड़ दी है।

शिक्षक स्कूल छोड़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को दोबारा दाखिला लेने के लिए प्रेरित करेंगे। शिक्षक प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट स्कूल मुखिया को सौंपेंगे। इसके बाद यह रिपोर्ट जिला शिक्षा एवं मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दी जाएगी। जिसमें बच्चों के स्कूल छोड़ने का कारण, कितने दाखिलों हुए और कितने अभिभावकों से संपर्क किया गया है ये सभी जानकारी इसमें रहेंगी।