अब आप भी बांस की खेती से कमा सकते हैं मोटी कमाई, सरकार भी करती है मदद, यहां जानिए पूरी डिटेल

    0
    365

    खेती की तरफ जो लोग आ रहे हैं उन्हें सरकार का पूरा सहयोग दिया जा रहा है। सरकार ऐसे लोगों की मदद करने को तत्पर रहती है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। इन्‍हीं योजनाओं में से एक राष्‍ट्रीय बांस मिशन एक है। इस मिशन के तहत बांस की खेती करने पर किसानों की मोटी कमाई हो सकती है।

    किसानों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान खेती-बाड़ी में मोटा मुनाफा होने लगा है। किसान को अब अपनी मेहनत के दाम मिलने लगे हैं। बांस की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार प्रति पौधा 120 रुपये भी देती है।

    अब आप भी बांस की खेती से कमा सकते हैं मोटी कमाई, सरकार भी करती है मदद, यहां जानिए पूरी डिटेल

    नौकरी छोड़कर लोग खेती में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। अगर किसी चीज़ में कभी – कभी कुछ बदलाव किये जाएं तो यह हमें बहुत फायदा देता है। मोदी सरकार ने साल 2018 में बांस को पेड़ की कैटेगरी से हटा दिया था। ऐसे में आप चाहें तो बिना किसी रुकावट के बांस की खेती कर सकते हैं। लेकिन ऐसा सिर्फ निजी जमीन के लिए ही किया जा सकता है। जंगल की जमीन पर बांस की खेती या वहां से बांस की कटाई की छूट नहीं दी गई है। यह वन कानून के तहत आता है।

    अब आप भी बांस की खेती से कमा सकते हैं मोटी कमाई, सरकार भी करती है मदद, यहां जानिए पूरी डिटेल

    वर्तमान में अनेकों युवा खेती की तरफ अपना रुझान दिखा रहे हैं। आज अनेकों लोग खेती कर अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं। बांस की लगभग 136 प्रजातियां होती हैं, जिसमें विभ‍िन्‍न तरह के काम के लिए बांस का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर बांस के 10 किस्‍मों का उपयोग सबसे ज्‍यादा होता है। खेती शुरू करने से पहले आपको यह चुनाव करना होगा कि आप किस किस्‍म के बांस की खेती करना चाहते हैं। मान लीजिए कि आप फर्नीचर के लिए बांस की खेती कर रहे हैं, तो इससे संबंधित प्रजाति का चुनाव करें।

    अब आप भी बांस की खेती से कमा सकते हैं मोटी कमाई, सरकार भी करती है मदद, यहां जानिए पूरी डिटेल

    खेती करना इतना आसान नहीं है लेकिन फिर भी आज अनेकों लोग इसी क्षेत्र में अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। सामान्‍य तौर पर बांस की खेती 3 से 4 साल में तैयार हो जाती है. चौथे साल से इसकी कटाई शुरू कर देनी चाहिए। खेती के दौरान दो बांस के पौधों में 3 से 4 मीटर की दूरी होनी चाहिए।