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लाखों की नौकरी छोड़कर इस युवती ने शुरू की खुद का डेयरी फार्म, जानिये कैसे आज करोड़ों में कर रही है कमाई

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खुद पर यकीन हो अगर तो सबकुछ संभव हो जाता है। यदि कोई लड़की अपनी मोटी तनख्वाह छोड़ डेयरी फार्मिंग का काम करने लगे तो लोग क्या कहेंगे? जाहिर सी बात है कि समाज दस तरह की बातें करेगा, लेकिन उस लड़की ने किसी की परवाह नहीं की, क्योंकि उस लड़की को अपने फैसले पर भरोसा था। आज ज्यादातर युवा पढ़ाई के बाद विदेशों में नौकरी करने का सपना देखते हैं, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि राजस्थान के अजमेर की रहने वाली एक लड़की ने लाखों का पैकेज छोड़ अपने पिता की खेती और डेयरी का काम संभाला।

उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर 90 लाख रुपये है। हमारी सोच बनी हुई है कि कम पढ़े लिखे लोग खेती तथा डेयरी फार्मिंग करते है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है। आज के समय मे कुछ ऐसे भी उदाहरण देखने को मिल रहे है कि ऊंच क्वालिफाइड लोग भी एक से एक अच्छी नौकरियां छोड़ कर आधुनिक खेती तथा डेयरी फार्मिंग के तरफ अपना रुख कर रहे है।

लाखों की नौकरी छोड़कर इस युवती ने शुरू की खुद का डेयरी फार्म, जानिये कैसे आज करोड़ों में कर रही है कमाई

कई युवा अब खेती – बाड़ी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं। अब खेती में मुनाफा अधिक होने लगा है। अंकिता ने साल 2009 में आईआईएम कोलकाता से एमबीए किया और इसके बाद जर्मनी के अलावा अमेरिका में करीब पांच साल तक नौकरी की। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर पिता की खेती और डेयरी का काम संभाला। अंकिता ने अपनी कंपनी शुरू की और 7 साल बाद उनकी कंपनी का टर्नओवर 90 लाख पहुंच गया।

लाखों की नौकरी छोड़कर इस युवती ने शुरू की खुद का डेयरी फार्म, जानिये कैसे आज करोड़ों में कर रही है कमाई

अब इस दिशा में अपना करियर बनाकर युवा अपनी मेहनत के बदौलत यह साबित कर दे रहे है कि सही दिशा में अगर किसी भी क्षेत्र में ध्यान दिया जाए तथा आधुनिक खेती तथा डेयरी फार्मिंग का सहारा लिया जाए तो इस के क्षेत्र में भी नौकरी के बजाय अच्छी आमदनी हासिल की जा सकती है। उन्हें जॉन्डिस हो गया था। डॉक्टर ने अंकिता को प्योर फूड और प्योर मिल्क देने की बात कही, लेकिन अंकिता के पिता को प्योर मिल्क नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने अपनी गाय पाल ली और अंकिता जल्द ही ठीक हो गईं।

Ankita left job after 5 years

अंकिता आज कई लोगों को रोजगार भी दे रही हैं। उनकी मेहनत से कई लोग प्रेरणा ले रहे हैं। पांच साल तक जर्मनी और अमेरिका में अच्छी-अच्छी कंपनियों में नौकरी करने के बाद तय किया कि गांव लौटकर पापा की मदद करनी चाहिए। साल 2014 में अंकिता अजमेर लौट आईं और पिता के साथ डेयरी फार्मिंग और ऑर्गेनिक फार्मिंग का काम करना शुरू किया।

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