जानिए क्यों इस गली के 100 घरों में की जाएगी वायरस बॉयोडाटा की जांच

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शनिवार को जिले में तीसरे लहर का पहला मरीज पाया गया था। जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। वैसे तो डेल्टा प्लस के मरीज के बारे में करीब 2 महीने बाद पता चला है। लेकिन उस मरीज के संपर्क में आने वाले सभी लोगों जांच की जाएगी।

ताकि स्वास्थ्य विभाग को पता चल सके कि जिले में तीसरी लहर का अगर कोई ओर मरीज है। तो उसका समय रहते उपचार किया जा सके। डिप्टी सीएमओ डॉ राम भगत ने बताया कि के रहने वाले 25 वर्षीय युवक में शनिवार को डेल्टा प्लस वैरियंट पाया गया था। उस मरीज की हालत अब बिल्कुल ठीक है।

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लेकिन उस मरीज के कांटेक्ट में आने वाले हर व्यक्ति की वायरस बॉयोडाटा की जांच व जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति के परिवार की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई गई लेकिन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग परिवार की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। लेकिन उसके बाद भी उन्होंने आदेश दिए है कि उस व्यक्ति के घर के आसपास बने 100 घरों में रहने वाले लोगों की भी जांच की जाएगा।

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लेकिन उस जांच में वह व्यक्ति शामिल होंगे जो मई महीने में महामारी की चपेट में आए थे और उन लोगों की ही जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि जिनोम सीक्वेंसिंग कराने के बाद जो भी व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाएगा। उस व्यक्ति के कांटेक्ट में आने वाले लोगों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। जिससे जिले में तीसरी लहर आने से पहले ही रोक लगाई जा सके।

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इन लोगों की भी की जाएगी जांच

शनिवार को जिले में तीसरे लहर का पहला मरीज पाया जा चुका है। उसके बाद के स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है और उनके द्वारा एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा जिले के सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को आदेश दिए हैं कि 1 महीने में जो भी मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं।

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उनमें से 5% मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। इसके अलावा जो भी व्यक्ति विदेश से आया है, जिस व्यक्ति ने इनकी दोनों डोज़ लगवा ली है व जो व्यक्ति दूसरी बार पॉजिटिव पाया गया है। उन लोगों की भी जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी।