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बिना कोचिंग के की पढ़ाई खुद पर था भरोसा और बनाई ये रणनीति,पहले ही प्रयास में बनीं IAS

यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए कैंडिडेट्स मेहंगी-मेहंगी कोचिंग क्लासेज में जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो खुदा पर यकीन कर सेल्फ स्टडी करते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं। अगर व्यक्ति कुछ करने की ठान ले तो तमाम संघर्षों के बावजूद उसे उसकी मंजिल जरूर मिल जाती है। आज आपको सौम्या शर्मा की कहानी बताएंगे, जिन्होंने सेल्फ स्टडी और अच्छी रणनीति की बदौलत पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली।

इस परीक्षा को जब कोई स्टूडेंट बिना कोचिंग के पास करता है तो वह सभी के लिए प्रेरणा बन जाता है। यह बात सुनने में काफी आसान लग रही है लेकिन उन्होंने सफलता के लिए लंबा संघर्ष किया। काफी लंबे समय से ही उन्होंने यूपीएससी को अपना गोल बना लिया था और धीरे-धीरे वे इसी दिशा में मेहनत कर रही थीं।

बिना कोचिंग के की पढ़ाई खुद पर था भरोसा और बनाई ये रणनीति,पहले ही प्रयास में बनीं IAS

हमारे देश में ऐसे कई युवा हैं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं। सौम्या शर्मा की एक कहानी ऐसी भी है जिसे सुनकर आप उन्हें सलाम करेंगे। सौम्या की उम्र महज 16 साल थी, जब उनकी सुनने की शक्ति चली गई। तमाम प्रयासों के बावजूद वे पूरी तरह ठीक नहीं हो पाईं और हियरिंग ऐड की मदद से उन्होंने जिंदगी जीने का फैसला किया।

सफलता की कहानियां लोगों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। इनकी कहानी से भी कई युवा प्रेरणा ले रहे हैं। यूपीएससी की मेन्स परीक्षा के दौरान उन्हें काफी तेज बुखार आ गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और परीक्षा में सफलता प्राप्त करके अपना सपना पूरा कर लिया। सौम्या दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की है। वे पहले ही तय कर चुकी थीं कि उन्हें यूपीएससी परीक्षा पास करके सिविल सेवा में जाना है, इसलिए एलएलबी के तुरंत बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

यूपीएससी की तैयारी के लिए सबसे पहले आपको अपना बेस मजबूत करना होगा। सबसे पहले सौम्या ने यूपीएससी का सिलेबस देखा। उसके हिसाब से स्टडी मैटेरियल तैयार किया। फिर टॉपर्स के इंटरव्यू देखे और रणनीति बनाई। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई का शेड्यूल बना लिया। कुल मिलाकर प्री-प्लानिंग करने के बाद उन्होंने पूरी मेहनत के साथ सेल्फ स्टडी शुरू कर दी। यही उनकी सफलता का मूल मंत्र भी बना।

Avinash Kumar Singh

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